Last Rites Rules: मृत्यु के बाद शव के अंतिम संस्कार के लिए कई परंपराओं को निभाया जाता है. हिंदू धर्म में शव को अग्निदाह किया जाता है यानी मृत शरीर से जला दिया जाता है. मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए कई रीति-रिवाजों को अपनाना होता है. श्मसान घाट में जाने को लेकर भी कई नियम हैं. हिंदू धर्म की परंपराओं के मुताबिक, श्मसान भूमि में कई लोगों का जाना वर्जित होता है इन लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए. चलिए जानते हैं कि, किन्हें अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए और इसके पीछे का धार्मिक कारण क्या होता है?
इन लोगों का अंतिम संस्कार में शामिल होना है वर्जित
छोटे बच्चे
अंतिम संस्कार में छोटे बच्चों को शामिल नहीं होना चाहिए. बच्चों की मानसिक स्थिति बहुत ही संवेदनशील होती है इस वजह से बच्चों को अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से दूर रखना चाहिए. उनके मन में भय और डर पैदा हो सकता है.
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गर्भवती महिला
श्मसान घाट में अंतिम संस्कार में गर्भवती महिला शामिल नहीं हो सकती है. अगर कोई गर्भवती महिला अंतिम संस्कार में शामिल होती है तो नकारात्मक ऊर्जा का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है. गर्भवती महिला को अंतिम संस्कार में नहीं जाना चाहिए.
मरणाशौच व्यक्ति
अगर किसी व्यक्ति के घर में किसी की मृत्यु हुई है और अभी निश्चित समय नहीं हुआ है तो इस स्थिति को मरणाशौच कहते हैं. ऐसी स्थिति में व्यक्ति किसी अन्य के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकता है. ऐसा नियम इसलिए है जिससे दोनों आत्माओं की शांति में कोई विघ्न न आएं.
बीमार व्यक्ति
अगर कोई बीमार और कमजोर है तो उसे अंतिम संस्कार में नहीं जाना चाहिए. वहां के वातावरण का बीमार व्यक्ति की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. अंतिम संस्कार में शामिल होने वाला व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










