Peepal Tree Beliefs: पीपल का पेड़ भारत में धार्मिक आस्था का एक प्रमुख प्रतीक है। इसे भगवान त्रिदेव का स्वरूप माना गया है और इसकी पूजा विशेष रूप से शनिवार और अमावस्या को की जाती है। लेकिन जब यही पेड़ घर के भीतर या बहुत पास उग आता है, तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है। आइए जानें इसकी वजहें…
क्या कहता है वास्तु शास्त्र?
वास्तु शास्त्र के अनुसार पीपल का पेड़ घर में होना उचित नहीं है। इसका कारण यह है कि इसकी जड़ें बहुत गहरी और फैलने वाली होती हैं, जो घर की नींव को नुकसान पहुंचा सकती हैं। वहीं यह यह पेड़ ज्यादा नमी और छाया देता है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बनी रह सकती है। यह माना जाता है कि इससे पारिवारिक विकास, तरक्की और स्वास्थ्य में रुकावट आती है।
धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है। इसे छूने, काटने या नुकसान पहुंचाने को पाप माना जाता है। इसलिए अगर यह घर में अपने आप उग आए, तो उसे हटाना भी धार्मिक रूप से संवेदनशील बन जाता है।
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ऊर्जा के प्रवाह पर असर
पीपल का पेड़ अक्सर अपने आप उग आता है और जब उसे अनदेखा किया जाता है तो वह बढ़ता जाता है। मान्यता है कि इसके कारण घर में झगड़े, मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानी जैसी चीज़ें बढ़ सकती हैं। खासकर यदि यह पूर्व या उत्तर दिशा में हो, तो वास्तु के अनुसार यह ऊर्जा के प्रवाह को अवरुद्ध करता है।
क्या पेड़ को काटा जा सकता है?
हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ को सीधे काटना निषिद्ध माना गया है। यदि किसी कारणवश इसे हटाना ज़रूरी हो, तो पहले इसकी विधिवत और शास्त्रीय रूप से पूजा की जाती है। फिर रविवार के दिन विशेष विधि से इसे हटाया जाता है। कहते हैं, अन्य दिनों में पेड़ काटना विपत्तियों को आमंत्रण देना माना जाता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।