Funeral Rites vs Buried Difference: भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। वैसे तो हिंदुस्तान में अनेक धर्मों के लोग रहते हैं। मगर यहां दो बड़े धर्मों के लोगों का ही बोलबाला है। पहला हिंदू और दूसरा मुसलमान। हिंदू और मुस्लिम धर्म एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत हैं। दोनों धर्मों के त्योहारों से लेकर रहन-सहन में जमीन आसमान का अंतर है। जहां हिंदुओं में मरने के बाद शरीर का अंतिम संस्कार किया जाता है, तो वहीं मुस्लिम शव को दफनाने में यकीन रखते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है?
क्यों होता है अंतिम संस्कार?
हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। यह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है, जिसे अंत्योष्टि या अग्नि संस्कार कहा जाता है। इसके अनुसार मानव शरीर 5 तत्वों से बना है- आग, पानी, हवा, आकाश और धरती। वहीं आत्मा अमर होती है। ऐसे में शरीर से आत्मा निकलने के बाद इसे पंचतत्वों में विलीन कर दिया जाता है। मान्यता है कि अग्नि देने के बाद शरीर उन्हें पांच तत्वों में फिर से मिल जाता है। शव की जली हुई राख को गंगा नदी में प्रवाहित करने के बाद पंचतत्व शुद्ध रूप से प्रकृति में मिल जाते हैं।
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दफनाने के पीछे की वजह
मुस्लिम धर्म में शव को दफनाने का रिवाज है। दरअसल इस्लाम धर्म में शव को जलाने की अनुमति नहीं है। इस्लामिक जानकारों के अनुसार जब दुनिया खत्म होने वाली होगी, तो धरती पर सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहेगा। ऐसे में कयामत आएगी और अल्लाह सभी मृतकों को जन्नत में फिर से पुनर्जीवित करेंगे। यही वजह है कि इस्लाम धर्म के अनुयायी शव को मिट्टी में दफना देते हैं। इस प्रक्रिया को इस्लाम में बेहद पवित्र माना जाता है।
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