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नागा साधु बनना कितना कठोर? कुंभ के बाद कहां-क्यों गायब? हर सवाल का जवाब चौंकाएगा

Prayagraj Mahakumbh 2025 Naga Sadhu: क्या आपने नागा साधुओं को देखा है? कब और कहां? इसका जवाब जरूर कुंभ का मेला होगा। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि कुंभ के बाद यह नागा साधु कहां गायब हो जाते हैं? नागा साधु कौन होते हैं और कहां से आते हैं?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 9, 2024 11:58
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Prayagraj Mahakumbh 2025 Naga Sadhu

Prayagraj Mahakumbh 2025 Naga Sadhu: संगमनगरी प्रयागराज में कुछ महीने बाद महाकंभु लगने वाला है। लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां स्नान करने आएंगे। हालांकि कुंभ के मेले में सभी की नजरें नागा साधुओं पर टिकी होती हैं। शरीर पर भस्म, माथे पर तिलक, सिर पर जटाएं, हाथों में त्रिशूल और आंखों में गुस्सा इन नागा साधुओं की पहचान होती है। महाकुंभ के पवित्र दिनों में यह नागा साधु संगम में शाही स्नान करते है और फिर अपने गंतव्य की तरफ चल पड़ते हैं।

मन में उठता है सवालों का अंबार

नागा साधु आखिर कौन होते हैं? नागा साधु कहां रहते हैं? नागा साधु कैसे बनते हैं? नागा साधुओं की 108 डुबकियों का क्या राज है? बिना कपड़ों के नागा साधु जीरो डिग्री टेम्प्रेचर पर कैसे रहते हैं? नागा साधुओं की दुनिया बेहद रहस्यमयी है। इसकी पूरी जानकारी शायद ही किसी को होती होगी। मगर आइए आज हम आपको नागा साधुओं से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।

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नागा साधु कैसे बनते हैं?

नागा साधु बनने के लिए लोगों को कठोर तपस्या करनी पड़ती है। यह तपस्या पूरी होने में 6 साल से 12 साल का समय लगता है। इस दौरान नागा साधुओं की तगड़ी परीक्षा होती है। उनके दैहिक ब्रह्मचर्य के साथ-साथ मानसिक नियंत्रण को भी परखा जाता है। इस दौरान नागा साधुओं को अपने गुरु और वरिष्ठ साधुओं की सेवा करनी पड़ती है।

पिंडदान और श्राद्ध

पिंडदान और श्राद्ध भी नागा साधुओं की तपस्या का हिस्सा है। परीक्षा के सभी पड़ाव पार करने के बाद नागा साधुओं को अपना ही पिंडदान और श्राद्ध करना पड़ता है। इसके बाद वो अपने परिवार और संसार के लिए मृत माने जाते हैं। ऐसे में नागा साधुओं का अपनी पुरानी जिंदगी से कोई रिश्ता नहीं रहता और वो अघोरी के रूप में जिंदगी की नई शुरुआत करते हैं।

नागा साधुओं का श्रृंगार

तपस्या के दौरान ही नागा साधु वस्त्रों का त्याग कर देते हैं। नागा साधु अगर चाहें तो गेरुए रंग का बिना सिला वस्त्र धारण कर सकते हैं। मगर ज्यादातर नागा साधु बिना वस्त्र के ही रहते हैं। वहीं श्रृंगार के रूप में उन्हें शरीर पर सिर्फ भस्म रगड़ने की अनुमति होती है। इसके अलावा नागा साधु रूद्राक्ष और जटा भी धारण करते हैं।

नागाओं का विशिष्ट संस्कार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नागा साधुओं की तपस्या पूरी होने के बाद एक विशिष्ट संस्कार भी किया जाता है। इसमें उनकी कामेन्द्रियन को भंग कर दिया जाता है। जिससे नागा साधुओं की कामुक इच्छाओं का अंत हो जाता है और वो आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।

कहां रहते हैं नागा साधु?

मान्यताओं के अनुसार नागा साधु हिमालय की गुफाओं या एकांत जगहों पर रहना पसंद करते हैं। कई जगहों पर उनके अखाड़े भी देखे जा सकते हैं। नागा साधु आम लोगों से दूर शांत और अकेली जगह पर रहकर भगवान में ध्यान लगाते हैं। वो सिर्फ कुंभ के दौरान शाही स्नान करने के लिए सार्वजनिक स्थान पर नजर आते हैं। नागा साधु भिक्षा पर जीवित रहते हैं। वो दिन में सिर्फ एक बार खान खाते हैं। इसके अलावा उन्हें बिस्तर पर सोने की मनाही होती है। नागा साधु सिर्फ जमीन पर ही सो सकते हैं।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 09, 2024 11:40 AM

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