Doodh Pikar Yatra Karna Chahiye Ya Nahi: हिंदू धर्म में शुभ और अशुभ कार्य को लेकर बहुत अधिक मान्यता है। यदि कोई व्यक्ति यात्रा करने के बारे में सोचता है तो वह शुभ और अशुभ कार्यों को जरूर देखता है। ज्योतिष शास्त्र में यात्रा करने के संबंध में कुछ कार्य बताया गया है।
ज्योतिषियों के अनुसार, यात्रा करने से पहले दूध नहीं पीना चाहिए। दूध पीकर यात्रा करना वर्जित है। लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों कहा जाता है। आखिर ज्योतिष शास्त्र में दूध पीकर यात्रा करने की मनाही क्यों होती है। अगर नहीं तो आज इस खबर में जानेंगे कि दूध पीकर यात्रा क्यों नहीं करनी चाहिए।
दूध पीकर यात्रा करना क्यों है वर्जित
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यात्रा के समय सबसे पहले मन में चंद्रमा का विचार किया जाता है। साथ ही खाद्य-पदार्थ में दूध का मालिक चंद्र होते हैं। यदि दूध पीकर यात्रा करते हैं तो चंद्र देव रुष्ठ हो जाते हैं। इसलिए दूध पीकर यात्रा करना वर्जित है। यहां तक की दूध पीकर यात्रा न करने के बारे में ज्योतिष और साइंस दोनों में वर्जित है। वैज्ञानिकों के अनुसार, दूध पीकर यात्रा करने से लूज मोशन की समस्या हो सकती है। साथ ही पेट संबंधित बीमारी भी हो सकती है।
चौराहे पर बनता है चांडाल योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दूध का मालिक चंद्र हैं और यात्रा के दौरान चौराहा भी मिलता है। चौराहा का मालिक राहु को माना गया है। ऐसे में चंद्रमा और राहु का मिलन हो जाता है और चांडाल योग बन जाता है। जो व्यक्ति को हानि पहुंचा सकता है। इसलिए कभी भी यात्रा करने से पहले दूध नहीं पीना चाहिए। इससे आपको बड़ा नुकसान हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।