Dev Diwali Upay: देव दीपावली (जिसे ‘कार्तिक पूर्णिमा’ भी कहा जाता है) का दिन दिव्य ऊर्जा, लक्ष्मी-कुबेर कृपा और सकारात्मक परिवर्तन का अद्भुत अवसर माना जाता है. इस दिन किया गया साधारण सा दीपक या तुलसी पूजन भी बहुत गहरे असर डाल सकता है, यदि उसे संकल्प, दिशा और तत्वों के संतुलन के साथ किया जाए. यहां दीया और तुलसी से जुड़े दो बेहद शक्तिशाली उपायों की चर्चा की गई है, जो विशेष रूप से नौकरी–बिजनेस ग्रोथ, रिश्तों में नयापन और संपन्नता आकर्षण के लिए हैं. आइए जानते ये उपाय क्या है और इन उपायों को कैसे करें?
चार तत्व दीप साधना
देव दीपावली की संध्या, जब सूर्य अस्त हो जाए, उस पवित्र समय पर यह शक्तिशाली साधना करें. एक स्टील या चांदी की प्लेट लें और उसे उत्तर दिशा की ओर रखें. अब उसमें चार छोटे मिट्टी के दीपक सजाएं. इन दीपकों में तिल का तेल भरें और चार रंगों की बत्तियाँ तैयार करें. पूर्व दिशा में पीली बत्ती रखें जो ज्ञान और नए अवसरों का प्रतीक है; दक्षिण दिशा में लाल बत्ती रखें जो उत्साह और सफलता को बढ़ाती है; पश्चिम दिशा में सफेद बत्ती रखें जो शांति और स्थिरता लाती है; और उत्तर दिशा में हरी बत्ती रखें जो विकास और धन प्रवाह का प्रतीक है.
अब जब चारों दीप एक साथ जल जाएं, तो मन को एकाग्र कर श्रद्धा से कहें, ‘प्रकाश रूपेण मे सिद्धिं देहि लक्ष्मी कुबेरप्रिये.’ इसके बाद 11 बार मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं नमः’ का जाप करें. जब दीपक स्वयं बुझ जाएं, तो उनकी राख को सावधानी से इकट्ठा करें और अगले दिन अपने ऑफिस, दुकान या कार्यस्थल के किसी कोने में रख दें.
यह उपाय आपके कार्यक्षेत्र में छिपी हुई ऊर्जा को जागृत करता है. यह ज्ञान, कर्म, स्थिरता और समृद्धि, इन चारों आयामों में संतुलन लाता है. इस साधना से नौकरी में प्रगति, बिज़नेस में ग्रोथ और हर दिशा में सकारात्मक बदलाव महसूस होने लगता है.
कुबेर संकल्प दीप
देव दीपावली की रात, जब वातावरण में दिव्यता और ऊर्जा का संचार हो, तब यह विशेष ‘दीप-कुबेर संकल्प’ उपाय करें. एक बड़ा पीतल या मिट्टी का दीपक लें और उसमें सरसों का तेल भरें. अब रात 11 बजे के समय दीप जलाएं और दीपक के बीच में एक सिक्का रखें. यह सिक्का आपकी समृद्धि का प्रतीक बनेगा. फिर सात लौंग एक-एक करके दीप में डालें, और हर बार श्रद्धा से मंत्र बोलें, ॐ धनाय नमः.’
ये भी पढ़ें: Lucky Gemstone: यह रत्न पहनते ही ‘चाणक्य’ जैसा चलता है दिमाग; बिजनेस, करियर और पढ़ाई में मिलती है सफलता
सातों लौंग डालने के बाद दीपक को पूर्व दिशा में रख दें और कुछ क्षण तक उसकी ज्योति को एकाग्र होकर निहारें. अगली सुबह जब दीपक बुझ जाए, तो उसमें रखा सिक्का अपने पर्स, कैश बॉक्स या धन रखने की जगह पर रख दें.
यह सरल किंतु प्रभावशाली उपाय धन मार्ग की रुकावटों को दूर करता है और नए अवसरों के द्वार खोलता है. इसके प्रभाव से आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है और धीरे-धीरे जीवन में समृद्धि का प्रवाह बढ़ने लगता है.
दीप-तुलसी समर्पण मंत्र साधना
देव दीपावली की रात, जब चारों ओर शांति और पवित्रता फैली हो, तब रात 11:30 से 12:00 के बीच यह साधना करें. तुलसी के सामने खड़े होकर तीन बार गहरी सांस लें और मन को शांत करें. अब एक दीपक जलाएं और श्रद्धा से यह मंत्र बोलें:
‘दीपो ज्योतिर्मयो नित्यं तुलसी संगते शुभं.
हृदये ज्योतिरुत्पन्नं सर्वसौभाग्यप्रदं भव॥’
मंत्र के उच्चारण के बाद आँखें बंद करके लगभग पाँच मिनट ध्यान करें. कल्पना करें कि तुलसी के पौधे से एक सुनहरी रोशनी उठकर धीरे-धीरे आपके हृदय में प्रवेश कर रही है. यह रोशनी आपके भीतर की थकान, नकारात्मकता और चिंता को दूर कर, नई चेतना और ऊर्जा से भर देती है.
यह साधना आभामंडल को शक्तिशाली बनाती है, जिससे आसपास सकारात्मकता का वातावरण बनता है. लोग आपकी बातों की ओर सहज रूप से आकर्षित होते हैं, सहयोग बढ़ता है और रिश्तों में आत्मीयता आती है. यह उपाय जीवन में नई ताजगी और सौभाग्य का अनुभव कराता है.
ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: इन 5 प्रकार के लोगों से हमेशा रहें सावधान, इंसान की जड़ों को कर देते हैं खोखला
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










