Devuthani Ekadashi 2025: आज कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जा रही है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु निद्रा योग से जागते हैं और इस दिन से शुभ कामों की शुरुआत हो जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का खास महत्व होता है. भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा से आपको मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आपको देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जी को जागृत करने के लिए ‘उठो देव बैठो देव’ भजन को जरूर गाना चाहिए.
उठो देव बैठो देव भजन (Utho Dev Baitho Dev Lyrics in Hindi)
उठो देव बैठो देव गीत
उठो देव बैठो देव
पाटकली चटकाओ देव
आषाढ़ में सोए देव
कार्तिक में जागे देव
कोरा कलशा मीठा पानी
उठो देव पियो पानी
हाथ पैर फटकारो देव
आंगुलिया चटकाओ देव
कुवारी के ब्याह कराओ देव
ब्याह के गौने कराओ
तुम पर फूल चढ़ाए देव
घी का दीया जलाये देव
आओ देव पधारो देव
तुमको हम मनाएं देव
चूल्हा पीछे पांच पछीटे
सासू जी बलदाऊ जी धारे रे बेटा
ओने कोने झांझ मंजीरा
सहोदर किशन जी तुम्हारे वीरा
ओने कोने रखे अनार
ये है किशन जी तुम्हारे व्यार
ओने कोने लटकी चाबी
सहोदरा ये है तुम्हारी भाभी
जितनी खूंटी टांगो सूट
उतने इस घर जन्मे पूत
जितनी इस घर सीक सलाई
उतनी इस घर बहुएं आईं
जितनी इस घर ईंट और रोडे
उतने इस घर हाथी-घोड़े
गन्ने का भोग लगाओ देव
सिंघाड़े का भोग लगाओ देव
बेर का भोग लगाओ देव
गाजर का भोग लगाओ देव
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आज देवउठनी एकादशी के दिन आप पूजा के समय इस भजन को अवश्य गाएं. इस गीत को गाकर आपको भगवान विष्णु को निद्रा योग से जागृत करना चाहिए. भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें. पूजा के बाद आपको गन्ना, सिंघाड़ा, शकरकंद, फल और मिठाई आदि का भोग लगाना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










