Chhath Puja 2025: सनातन धर्म के लोगों के लिए छठ के महापर्व का खास महत्व है, जो कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक चलता है. इन 4 दिनों के दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है. छठ के तीसरे और चौथे दिन सूर्य देव को पानी में खड़े होकर अर्घ्य दिया जाता है, जिसके लिए नदी, तालाब या घाट सबसे उत्तम रहता है.
हालांकि, कुछ लोगों के लिए घाट पर जाना संभव नहीं होता है. ऐसे में वो अपने सोसाइटी के स्विमिंग पूल या घर की छत पर प्लास्टिक के बाथटब पर खड़े होकर छठ पूजा करते हैं. यदि आप भी ऐसे ही छठ की पूजा करते हैं तो कुछ बातों पर ध्यान जरूर दें, नहीं तो पाप भी लग सकता है. चलिए जानते हैं घर पर स्विमिंग पूल या बाथटब में छठ की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
छठ पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
जिस भी जगह पर आप छठ की पूजा कर रहे हैं, उसका शुद्ध होना जरूरी है. यदि आप स्विमिंग पूल में छठ की पूजा कर रहे हैं तो एक दिन पहले उसकी सफाई कराएं. वहीं, जो लोग बाथटब या घर की छत पर ईंटों व मिट्टी से पानी का छोटा कुंड बनाते हैं, उन्हें भी उसकी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए. पूल में कूड़ा-कचरा नहीं होना चाहिए. इसके अलावा पानी भी शुद्ध होना चाहिए. स्विमिंग पूल या टब की सफाई करने के बाद उसमें पानी भरें और फिर गंगाजल डालें. इससे पानी पवित्र हो जाएगा.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, व्रती को कमर या घुटनों तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. इसलिए इतने गहरे स्विमिंग पूल, बाथटब या कुंड का ही इंतजाम करें.
2025 के छठ पूजा का कैलेंडर
- 25 अक्टूबर, शनिवार- नहाय खाय (पहला दिन)
- 26 अक्टूबर, रविवार- खरना (दूसरा दिन)
- 27 अक्टूबर, सोमवार- संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन)
- 28 अक्टूबर, मंगलवार- उषा अर्घ्य (चौथा दिन)
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










