Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उनके समय में थीं। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर जीवन के अनेक रहस्यों को उजागर किया है। खासकर जब बात किसी को सलाह देने की हो, तो इस मुद्दे पर चाणक्य बहुत स्पष्ट हैं। वे साफ-साफ शब्दों में सुझाव देते हैं कि हर किसी को सलाह नहीं देनी चाहिए। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें सलाह देना न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति पुस्तक ‘चाणक्य नीति’ में मूर्ख सहित ऐसे 7 प्रकार के लोगों की पहचान की है, जिसके बारे में वे कहते हैं कि ऐसे लोगों को सलाह देना ठीक वैसा ही है कि आप खुद के पांव में कुल्हाड़ी मार रहे हों। आइए जानते हैं, ये 7 प्रकार के लोग कौन और इनके बारे में चाणक्य ने ऐसा क्यों कहा है?
मूर्ख व्यक्ति
मूर्ख व्यक्ति न तो समझने की कोशिश करता है और न ही सुधारना चाहता है। चाणक्य कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति, जिसको कोई बात समझ ही नहीं आती है, उसको सलाह देना अपनी ऊर्जा और समय दोनों की बर्बादी है। वह आपकी बात का गलत मतलब निकालकर उल्टा आपको ही दोषी ठहरा सकता है। यह बिल्कुल अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा है।
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अहंकारी व्यक्ति
अहंकारी इंसान को लगता है कि सिर्फ वही सही है। ‘मैं ही सही’ सोच का गुलाम ऐसा व्यक्ति दूसरों की सलाह को तुच्छ समझता है और अपमानित करने से भी नहीं चूकता। ऐसे व्यक्ति को सलाह देने से रिश्तों में खटास और तनाव दोनों बढ़ सकते हैं।
क्रोधी व्यक्ति
क्रोधी व्यक्ति कभी शांत मन से कुछ नहीं सुनता। अगर आप उसे सलाह देंगे, तो यह थी वैसा ही है, जैसे आग में घी डालना। वह गुस्से में आप पर ही भड़क सकता है। चाणक्य के अनुसार, ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाना ही बेहतर है।
धोखेबाज व्यक्ति
धोखेबाज लोग चालाक होते हैं। वे आपकी अच्छी सलाह को भी अपने स्वार्थ के लिए गलत दिशा में इस्तेमाल कर सकते हैं। आपकी सलाह के उल्टे इस्तेमाल से आपकी छवि खराब हो सकती है या आप किसी संकट में फंस सकते हैं।
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आलसी व्यक्ति
आलसी व्यक्ति सुनता तो है, लेकिन करता कुछ नहीं। चाणक्य कहते हैं, ऐसे व्यक्ति को सलाह देना ऐसा ही है जैसे बालू में पानी डालना, इसका कोई परिणाम नहीं मिलता है।
ईर्ष्यालु व्यक्ति
जो व्यक्ति हर किसी से जलता है, उसे सलाह देना उसे और अधिक चिढ़ाने जैसा होता है। वह आपकी सफलता से पहले ही परेशान है, आपकी सलाह उसे और नीचा महसूस करा सकती है।
अनैतिक व्यक्ति
चाणक्य कहते हैं कि अनैतिक व्यक्ति पर नैतिक बातें बेअसर होती हैं। जिसे सही-गलत की कोई परवाह नहीं, उसे अच्छी बातें कहने का कोई मतलब नहीं। अनैतिक व्यक्ति आपकी सलाह का मजाक बना सकता है या उसे अपने स्वार्थ में तोड़-मरोड़ सकता है।
किसे दें सलाह?
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सलाह उसी को दें जो आपको समझे, आपकी बात का सम्मान करे और उसे जीवन में अपनाने की कोशिश करे। समझदार, विनम्र और ईमानदार व्यक्ति ही सच्ची सलाह का महत्व जानता है। वे कहते हैं, सलाह देना एक कला है, लेकिन उससे भी बड़ी कला है यह तय करना कि किसे दी जाए।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।