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Chanakya Niti: रिश्तोंं में जिंदगी भर रहेगी मिठास, जानें हर रिश्ते से जुड़ी खास बातें

Chanakya Niti For Relationship Tips: आचार्य चाणक्य को यू ही नहीं महान राजनेता कहा जाता है, उनमें वो सभी गुण थे, जो उन्हें विद्वान, योग्य अर्थशास्त्री और कुशल कूटनीतिज्ञ बनाते थे। जिस तरह माता-पिता व गुरु व्यक्ति का मार्गदर्शन करके उसे अंधकार से उजाले की तरफ लाने का प्रयास करते हैं। ठीक वैसे ही परेशानी में फंसे होने पर अगर व्यक्ति 'चाणक्य नीति शास्त्र' की नीतियों को जीवन में अपनाता है, तो उसे अपनी समस्या का समाधान मिल जाएगा। आइए जानते हैं चाणक्य नीति शास्त्र में लिखित रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों के बारे में।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jun 19, 2024 15:58
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Chanakya Niti For Relationship Tips

Chanakya Niti For Relationship Tips: आज के समय में ज्यादातर लोग किसी न किसी वजह से परेशान रहते हैं। जहां कुछ लोगों को हर समय पैसे कमाने की लालसा रहती है। वहीं कुछ अपने रिश्तों में ही उलझे रहते हैं। कभी दो दोस्तों के बीच लड़ाई हो जाती है, तो कभी प्रेमी-प्रेमिका, माता-पिता, भाई-बहन और भाई-भाई आदि-आदि के रिश्ते में दूरियां आने लगती हैं। ऐसे में व्यक्ति के लिए यह मुश्किल हो जाता है कि वो कैसे अपने आसपास के लोगों को खुश रखे। अगर आप भी इसी दुविधा में हैं, तो ऐसे में ‘चाणक्य नीति शास्त्र’ में लिखित बातें आपके बड़ी काम आएंगी। आज हम आपको ‘चाणक्य’ के एक श्लोक के माध्यम से हर एक रिश्ते से जुड़ी अहम बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।

दाक्षिण्यं स्वजने दया परजने शाठ्यं सदा दुर्जने
प्रीतिः साधुजने स्मयः खलजने विद्वज्जने चार्जवम्।
शौर्य शत्रुजने क्षमा गुरुजने नारीजने घृष्टता
इत्थं ये पुरुषाः कलासु कुशलास्तेष्वेवलोकस्थितिः।।

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दोस्‍तों या दोस्‍ती

इस श्लोक के जरिए ‘आचार्य चाणक्य’ समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि आपका रिश्ता दोस्तों से तभी मजबूत व गहरा होगा, जब आप उनका सम्मान करेंगे। उनके साथ नम्रता से व्यवहार करेंगे। मुश्किल समय में उनकी मदद के लिए हमेशा आगे रहेंगे। इससे रिश्ता बेहतर तो होगा ही। साथ ही संबंध में भी मिठास बनी रहेगी।

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अनजान व्यक्ति

अनजान व्यक्ति व अपने से बड़े और बुजुर्ग लोगों के साथ हमेशा प्रेम और सम्मान की भावना के साथ बात करनी चाहिए। अगर आप उनका सम्मान करेंगे, तो उनकी नजर में आपकी अहमियत बढ़ेगी। साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।

चोर

आचार्य चाणक्य के अनुसार, दुष्टों व चोर के प्रति सदा कठोर व्यवहार रखना ही उचित होता है। अगर आप इनके साथ विनम्रतापूर्वक व्यवहार करेंगे, तो इससे इन्हें आपकी बात समझ में नहीं आएगी।

शक्तिशाली लोग

हर एक व्यक्ति को विद्वानों के साथ सरलता से पेश आना चाहिए। वहीं, शक्तिशाली लोगों के साथ विनम्र और चालाकी से पेश आना बेहतर होता है।

माता-पिता व गुरु

माता-पिता और गुरु के साथ प्रेमपूर्वक, सहानुभूति, आदर और सहनशीलतापूर्ण व्यवहार रखना उचित होता है। इसके अलावा प्रेमी व प्रेमिका के साथ आदर, स्नेह और चतुराईपूर्ण व्यवहार करना उचित माना जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Jun 19, 2024 03:57 PM

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