Chaitra Navratri 2024 Day 2: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र का बहुत महत्व है। नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को समर्पित है। नवरात्र के पहले दिन जहां मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, तो वहीं दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है।
मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है, उस पर सदा मां की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा उसके घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि से लेकर शुभ मुहूर्त के बारे में।
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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का शुभ मुहूर्त
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए नवरात्र के दूसरे दिन 2 शुभ मुहूर्त हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है। इसके बाद विजय मुहूर्त का आरंभ दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा।
इन लोगों को जरूर करनी चाहिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की उपासना खासतौर पर उन लोगों को करनी चाहिए, जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है। माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में आ रही परेशानियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। इसके अलावा उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-विधि
- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए प्रात: काल उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
- इसके बाद अपने घर के मंदिर में एक चौकी लगाएं और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- फिर उस पर मां ब्रह्मचारिणी की तस्वीर रखें और मां को तिलक लगाएं।
- इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी को फूल और रोली चढ़ाएं।
- फिर मां को मिठाई का भोग लगाएं।
- इसके बाद घी का दीपक जलाएं।
- दीपक जलाने के बाद मां ब्रह्मचारिणी मंत्र का जाप करें।
- अंत में मां की आरती जरूर करें।
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