Chhath Puja 2025: हिंदू नववर्ष के पहले महीने चैत्र की शुरुआत होली से हो चुकी है। अब चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है। छठ पूजा का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। पहली बार यह चैत्र माह में और दूसरी बार यह कार्तिक माह में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित होता है। यह चार दिनों तक चलने वाला पर्व है।
साल 2025 में छठ पूजा की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी मतलब 1 अप्रैल दिन मंगलवार से नहाय-खाय के साथ होगी। यह व्रत लगातार 36 घंटे तक चलता है। इसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती पारण करती हैं। इस बार यह पर्व 1 से लेकर 4 अप्रैल तक मनाया जाएगा। इसे चैती छठ के नाम से जाना जाता है।
नहाय-खाय से होगी शुरुआत
1 अप्रैल 2025 से इस व्रत की शुरुआत के दिन अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी बनाकर व्रत रखने वाले साधक उसे ग्रहण करेंगे और नहाय खाय के साथ व्रत की शुरुआत करेंगे। इसके अगले दिन 2 अप्रैल को खरना पर शाम को विशेष प्रसाद ग्रहण किया जाएगा, इसमें गुड़ और चावल की खीर का भोग होता है। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य में व्रती जल में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को जल अर्पित करेंगे। 4 अप्रैल को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का समापन किया जाएगा। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं और पुरुष व्रत का पारण करते हैं।
क्या है छठ पूजा का महत्व?
छठ पूजा का पर्व प्रकृति और सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है। इसमें सूर्यदेव और उनकी बहन छठी मइया का पूजन किया जाता है। इसके साथ ही उनसे बच्चों के लिए आरोग्य की कामना की जाती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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