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4 प्रकार के भोजन से होती है अकाल मृत्यु! गीता में बताए गए हैं कई नियम

गीता में भीष्म पितामह अर्जुन से कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को ये चार प्रकार के भोजन कभी भी भूलकर नहीं करना चाहिए। अन्यथा घर में दरिद्रता के साथ अकाल मृत्यु हो सकती है। तो आइए आज इस खबर में उन्हीं चार प्रकार के भोजन के बारे में विस्तार से जानेंगे जो भीष्म पितामह ने अर्जुन को बताई थी।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Mar 1, 2024 16:00
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Geeta

सनातन धर्म में कई सारे धार्मिक ग्रंथ हैं। उन ग्रंथों में धर्म और जीवन से जुड़ी हर एक चीज को बारीकी से बताया गया है। बता दें कि उन धार्मिक ग्रंथों में सांसारिक और व्यावहारिक ज्ञान के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। गीत के अनुसार, भीष्म पितामह ने अर्जुन को 4 प्रकार के भोजन न करने की सलाह दी थी। मान्यता है कि इन 4 प्रकार के भोजन को ग्रहण करने से मनुष्य को अकाल मृत्यु के साथ घर में दरिद्रता आने लगती है। तो आज इस खबर में जानेंगे आखिर वे कौन से भोज्य पदार्थ हैं जिन्हें हमें भूलकर नहीं करने चाहिए।

पहला भोजन

गीता के अनुसार, भीष्म पितामह ने अर्जुन से कहते हैं कि जिस भोजन की थाली को कोई व्यक्ति लांघ देता हैं वह भोजन की थाली किसी नाले में पड़ी कीचड़ के सामान हो जाता है। गीता के अनुसार, इस तरह के भोजन को कभी भी भूलकर भी नहीं ग्रहण करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, यदि घर में भोजन की थाली गलती से लांघा जाए तो उस भोजन को किसी जानवर को खिला दें। स्वयं न ग्रहण करें।

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दूसरा भोजन

भीष्म पितामह अर्जुन से कहते हैं कि जिस भोजन की थाली में पैर से ठोकर लग गई हों या किसी व्यक्ति का पांव लग गया हो, तो वैसा भोजन खाने योग्य नहीं रहता है। गीता में ऐसे भोजन को करना गलत बताया गया है। गीता के अनुसार, पैर से ठोकर लगी थाली खाने से घर में दरिद्रता आती है। इसलिए ऐसा भोजन करने से बचने चाहिए।

तीसरा भोजन

भीष्म पितामह ने गीता के माध्यम से बताते हैं कि जिस भोजन की थाली में बाल निकल आए। वह भोजन कभी खाने योग नहीं माना गया है। इस तरह का भोजन दूषित हो जाता है। गीता के अनुसार, जो लोग भोजन की थाली में बाल निकले बावजूद भी भोजन ग्रहण करते हैं वह बहुत जल्द कंगाल होने लगते हैं।

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चौथा भोजन

गीता में भीष्म पितामह बताते हैं कि यदि पति और पत्नी एक साथ एक ही थाली में भोजन करते हैं तो भोजन किसी मादक पदार्थ से कम नहीं माना गया है। भीष्म पितामह के अनुसार, एक ही थाली में भोजन करना सही नहीं है। हालांकि कहा जाता है कि पति-पत्नी एक थाली में भोजन करते हैं तो उनमें प्यार बढ़ता है। लेकिन वहीं जब पति-पत्नी के बीच किसी तीसरे व्यक्ति भोजन में शामिल होते हैं तो इससे पति-पत्नी के रिश्तों में दूरियां आने लगती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Mar 01, 2024 04:00 PM

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