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पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए भाद्रपद अमावस्या पर शिव योग में करें पूजा, 12 राशियों का होगा कल्याण!

Bhadrapada Amavasya 2024: हर साल भाद्रपद माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन भाद्रपद अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। चलिए जानते हैं कि इस बार ये व्रत किस दिन रखा जाएगा और अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण करने का शुभ समय क्या है?

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Aug 20, 2024 09:56
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Bhadrapada Amavasya 2024
भाद्रपद अमावस्या 2024

Bhadrapada Amavasya 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए भाद्रपद माह का विशेष महत्व होता है। इस दौरान आने वाली तिथि और व्रत पर पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन भाद्रपद अमावस्या का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासना की जाती है। पितृ दोष से छुटकारा पाने के उपाय करने भी लाभदायक रहते हैं। चलिए जानते हैं कि इस बार भाद्रपद अमावस्या का व्रत कब रखा जाएगा और उस दिन कौन-कौन से शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को अपनी सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

भाद्रपद अमावस्या कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद अमावस्या का आरंभ 2 सितंबर 2024 को प्रात: काल 05:21 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 03 सितंबर को सुबह 07:24 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद अमावस्या का व्रत 2 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। भाद्रपद अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या भी कह सकते हैं।

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पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है?

भाद्रपद अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का शुभ समय प्रात: काल 04 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 15 मिनट तक है। इसके बाद भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है।

2 शुभ योग का बना महासंयोग

भाद्रपद अमावस्या के दिन कई साल बाद 2 शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन सूर्योदय से लेकर शाम 06:20 मिनट तक शिव योग है, जिसके बाद सिद्ध योग रहेगा। शिव योग में पूजा-पाठ करने से देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दौरान विधिपूर्वक तर्पण करने से पितृ दोष से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

भाद्रपद अमावस्या के उपाय

  • भाद्रपद अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है। इससे कुंडली में कमजोर ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • शादीशुदा लोग यदि भाद्रपद अमावस्या के दिन व्रत रखते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही पार्टनर संग रिश्ता मजबूत होता है।
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए तर्पण करना शुभ माना जाता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के ठीक बाद शिव योग में तर्पण करें और पितरों को सफेद फूल, कुशा व काले तिल जरूर अर्पित करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Aug 20, 2024 09:56 AM

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