---विज्ञापन---

Religion

Basoda 2025: शीतला सप्तमी और अष्टमी कब? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और वैज्ञानिक महत्व 

शीतला सप्तमी या शीतला अष्टमी के दिन बसौड़ा मनाया जाता है जिसे कहीं पर बसियौरा पूजा भी कहा जाता है। इस दिन बासी खाना यानी एक दिन पुराना खाना खाया जाता है और शीतला माता की पूजा की जाती है।

Author Edited By : Simran Singh Updated: Mar 19, 2025 14:46
Basoda 2025 When is Sheetala Saptami and Ashtami Know the auspicious time method of worship and scientific importance
शीतला सप्तमी और अष्टमी कब

धर्म डेस्क: शीतला माता को समर्पित बसौड़ा पर्व होली के बाद कृष्ण पक्ष की सप्तमी या अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। अधिकतर देखा गया है कि होली के आठ दिनों के बाद या कई लोग होली के बाद पहले सोमवार या शुक्रवार को मनाते हैं। मुख्यतः गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे उत्तर भारतीय राज्यों में सबसे ज्यादा इस पर्व को मनाया जाता है।सप्तमी या अष्टमी किसी भी दिन इस पर्व को मनाया जा सकता है। वैसे तो यह परंपरा पारिवारिक होती है तो जैसा सदियों से परिवार में चला आ रहा है। धर्म की अच्छी खासी जानकारी रखने वाली नम्रता पुरोहित ने बसौड़ा पर्व से संबंधित खास जानकारी दी है। आइए शीतला सप्तमी और अष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि आदि के बारे में जानते हैं।

बसौड़ा पर्व के दिन देवी शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है। बासी और ठंडा भोजन ही ग्रहण किया जाता है। मान्यिता है कि इस दिन शीतला माता की आराधना करने से आरोग्य का वरदान मिलता है। माता शीतला गंभीर बीमारियों से मुक्ति दिलवाती है। ऐसा भी माना गया है कि इस दिन माता शीतला का व्रत रखने से कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती है। चर्म रोग, चेचक जिसे छोटी माता बड़ी माता भी कहा जाता है, इस तरह की बीमारियां आपके पास नहीं आती है। शास्त्रों के अनुसार शीतला माता की पूजा वाले दिन घर में चूल्हा भी नहीं जलाया जाता है। माता शीतला को स्वच्छता पसंद है इसलिए उस दिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।

---विज्ञापन---

शीतला सप्तमी और अष्टमी का शुभ मुहूर्त

इस बार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की शीतला सप्तमी तिथि की शुरुआत 21 मार्च 2025 वार शुक्रवार रात 2:44 पर होगी समाप्ति 22 मार्च 2025 वार शनिवार को सुबह 4:22 पर होगी शीतला सप्तमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 21 मार्च को सुबह 6:24 से शाम 6:30 तक रहेगा। शीतला सप्तमी पर रवि योग का संयोग बन रहा है। इस योग में माता शीतला की पूजा आराधना करने से व्यक्ति को आरोग्य प्रदान होता है।

ऐसे लोग जो अष्टमी का बसौड़ा पर्व मनाते हैं उनके लिए अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 मार्च 2025 को शनिवार सुबह 4:30 पर होगी और तिथि की समाप्ति 23 मार्च रविवार को सुबह 5:23 पर होगी। उदया तिथि के अनुसार अष्टमी तिथि का शीतला माता का व्रत और पूजा 22 मार्च शनिवार को की जाएगी।

---विज्ञापन---

शीतला अष्टमी पूजा विधि

इस दिन प्रात काल जल्दी उठकर स्नान  आदि से निवृत्त होकर पूजा की थाल सजा लें। दही, रोटी, बाजरा एक दिन पहले का बनाया हुआ भोजन मीठे चावल नमक पारे, मठरी उसके अलावा कुमकुम, रोली, अक्षत, वस्त्र, हल्दी, मौली और मेहंदी से थाल  सजाकर मां शीतला की पूजा करें। जल से माता के ऊपर छिड़काव करें। आटे का दीपक बनाकर उसमें हुई रूई की बाती घी में डुबोकर चढ़ाई जाती है। इस दिन कई जगह दीपक भी नहीं जलाया जाता है। इसके साथ ही होलिका दहन वाली जगह जाकर भी पूजा की जाती है। वहां थोड़ा सा जल और पूजन सामग्री चढ़ाई जाती है। माता रानी को खीर का भोग लगाया जाता है।

स्कंद पुराण के अनुसार शीतला माता गधे की सवारी करती है उनके हाथों में कलश, झाड़ू, सूप जिसे सुपड़ा भी कहा जाता है, नीम के पत्तों की माला रहती है। इसलिए विशेष रूप से सप्तमी या अष्टमी दोनों ही दिन माता शीतला की पूजा की जाती है। महिलाएं इस व्रत को बच्चे और परिवार के सदस्य निरोगी रहने के लिए रखती हैं। बच्चों को बीमारियों से बचाना है तो मां शीतला को चांदी का चौकोर टुकड़ा अर्पित करें। लाल धागे में पिरोकर बच्चों के गले में पहनाएं।

वैज्ञानिक महत्व 

सनातन धर्म का यह व्रत वैज्ञानिक होने का प्रमाण देता है। माता शीतला की उपासना बसंत और गर्मी की ऋतु में होती है। यह समय होता है जब बीमारियां संक्रमण ज्यादा फैलता हैं। शीतला माता के हाथ में रहने वाले कलश, सूप, झाड़ू साफ सफाई और समृद्धि का सूचक माने जाते हैं। ऋतु परिवर्तन होने के संकेत मौसम में कई प्रकार के बदलाव लाते हैं और बदलाव से बचने के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले आखिरी बार बासी एक दिन पुराना बनाया भोजन खा सकते हैं। इसके बाद बासी भोजन नहीं खाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

HISTORY

Edited By

Simran Singh

First published on: Mar 19, 2025 02:46 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें