Vaishakha Amavasya 2025: वैशाख मास भगवान विष्णु को प्रिय है, और इसकी अमावस्या पितरों की आत्मा को शांति देने के लिए विशेष मानी जाती है। ‘बृहत् पराशर होरा शास्त्र’ के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितृ तर्पण से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है और उनके आशीर्वाद से परिवार में समृद्धि आती है।
इस दिन चंद्रमा अपनी अस्त अवस्था में होता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को हटाने और आत्मिक शुद्धि के लिए अनुकूल समय होता है। पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 की सुबह 4:49 बजे शुरू होगी और 28 अप्रैल को रात 1 बजे तक रहेगी।
शाख अमावस्या पर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान, दान और पूजा से पुण्य प्राप्त होता है और पितृ दोष कम होता है। पितृ दोष के कारण करियर में रुकावटें, आर्थिक समस्याएं या पारिवारिक तनाव जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इस कारण हर परेशानी से मुक्ति पाने के लिए वैशाख माह की अमावस्या पर आप ये 5 उपायों को कर सकते हैं।
पवित्र स्नान और सूर्य अर्घ्य
वैशाख अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:17 से 5:00 बजे) में गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर यह संभव न हो, तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल का अर्घ्य दें और ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और पितरों की कृपा दिलाता है।
पितृ तर्पण और श्राद्ध
पितरों के लिए तर्पण इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण कर्म है। इस दिन स्वच्छ वस्त्र पहनकर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल, काले तिल, जौ और कुशा से तर्पण करें। इसके साथ ही ‘ॐ कुल देवताभ्यो नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। अगर संभव हो, तो चावल, तिल और जौ से पिंडदान करें। यह कर्म पितरों की आत्मा को शांति देता है और पितृ दोष को कम करता है।
दान-पुण्य करें
वैशाख अमावस्या पर दान का विशेष महत्व है। ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या धन दान करें। ‘मनुस्मृति’ में कहा गया है कि दान से पुण्य मिलता है और पितर प्रसन्न होते हैं। यह उपाय धन और समृद्धि को भी लाता है।
पीपल के नीचे दीपक जलाएं
शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और पितरों से सुख-शांति की प्रार्थना करें। यह उपाय पितरों की आत्मा को शांति देता है। इसके साथ ही, पशु-पक्षियों को दाना डालें, जैसे गाय को रोटी या कौओं को भोजन कराएं। यह छोटा कार्य आपके पुण्य बढ़ाता है।
विष्णु भगवान की पूजा
इस दिन भगवान विष्णु और शनिदेव की पूजा करें, क्योंकि वैशाख मास विष्णु को प्रिय है। इस कारण मंदिर में जाकर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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