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Shri Suktam Path: रोज करें श्रीसूक्त का पाठ खूब बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा, भर जाएंगे धन के भंडार

Shri Suktam Lyrics in Hindi: जीवन में आर्थिक तरक्की के लिए धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत ही जरूरी है. आपको धनलाभ के लिए रोजाना श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए. श्रीसूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

Author Written By: Aman Maheshwari Author Published By : Aman Maheshwari Updated: Nov 23, 2025 19:28
Shri Suktam Path:
Photo Credit- News24GFX

Shri Suktam Path Benefits: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है. श्रीसूक्त का पाठ करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. व्यक्ति प्रत्येक दिन श्रीसूक्त का पाठ करता है तो इससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आप रोजाना श्रीसूक्त का पाठ नहीं कर सकते हैं तो शुक्रवार के दिन इसका पाठ अवश्य करें. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. श्रीसूक्त का पाठ करने से दरिद्रता दूर होती है और व्यक्ति धनवान बनता है.

श्रीसूक्त का पाठ (Shri Suktam Lyrics in Hindi)

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।

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अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।
श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।
पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।
तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।
आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।

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उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।

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गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।
ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।

कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।
नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।
य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।
सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।
।। इति समाप्ति ।।

श्रीसूक्त का पाठ करने की विधि

आप श्रीसूक्त का पाठ करने के लिए स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहन लें. इसके बाद पूजा स्थल की सफाई कर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और फूल, रोली, कुमकुम और अक्षत आदि अर्पित करें. इसके बाद श्रीसूक्त का पाठ करें.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 23, 2025 07:28 PM

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