Shri Jagannath Aarti Lyrics In Hindi: त्रिमूर्ति में से एक भगवान विष्णु को ब्रह्मांड का संरक्षक और रक्षक माना जाता है, जिन्होंने सृष्टि में प्रेम, धर्म व शांति बनाए रखने और दुनिया को बुराई से बचाने के लिए विभिन्न रूप में अवतार लिए हैं. विष्णु जी का एक अवतार कृष्ण भी हैं, जिनके बालरूप को जगन्नाथ कहा जाता है. इस स्वरूप में कृष्ण जी की बड़ी और खुली आंखें हैं, जबकि पैर और पंजे नहीं हैं. भगवान जगन्नाथ की पूजा हमेशा उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ की जाती है.
माना जाता है कि जगन्नाथ जी की कृपा से व्यक्ति मुश्किल से मुश्किल समय को आसानी से पार कर सकता है. यदि आप भी जगन्नाथ जी की पूजा करते हैं तो अंत में उनकी आरती जरूर करें. इससे न सिर्फ आपको मानसिक शांति मिलेगी, बल्कि जीवन में सुख, वैभव, शांति और खुशहाली आदि का भी वास होगा. आइए अब जानते हैं श्री जगन्नाथ जी की आरती के सही लिरिक्स के बारे में.
श्री जगन्नाथ जी की आरती (Shri Jagannath Aarti In Hindi)
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाटी भव से धारी, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
घर घरन बजता बाजे बंसुरी, झांझ या मृदंग बाजे, ताल खनजरी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि,
जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी,
जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी, इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी, धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव से धारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी
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श्री जगन्नाथ की पूजा विधि (Jagannath Ji ki Puja Vidhi)
- सुबह स्नान आदि कार्य करने के बाद पीले रंग के कपड़े धारण करें.
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.
- घर के मंदिर में एक चौकी रखकर उसके ऊपर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा की प्रतिमा या तस्वीर की स्थापना करें.
- शंख और घंटी बजाकर पूजा का आरंभ करें.
- देवी-देवताओं को पंचामृत से स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं. साथ ही उन्हें चंदन और अक्षत लगाएं. फिर फूलों की माला, तुलसी दल और मिठाई अर्पित करें.
- घी का दीपक जलाएं और मंत्र जाप करें.
- आरती करने के बाद प्रसाद वितरण करके पूजा का समापन करें.
जगन्नाथ जी का प्रिय रंग कौन-सा है? (Jagannath Ji Priya Rang)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीला रंग भगवान जगन्नाथ को अति प्रिय है, जिसे समृद्धि और प्रसन्नता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा हरा और लाल रंग भी श्री जगन्नाथ को प्रिय है.
श्री जगन्नाथ जी के मंत्र (Jagannath Ji Mantra)
- ॐ जगन्नाथाय नमः
- ॐ श्री जगन्नाथाय नमः
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