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Jagannath Chalisa | जगन्नाथ चालीसा: जय जगन्नाथ दयालु दया निधान… Shri Jagannath Chalisa Lyrics In Hindi

Jagannath Chalisa In Hindi: जगन्नाथ जी को भगवान विष्णु का एक रूप माना जाता है, जिनकी पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख, शांति, वैभव और धन आदि की प्राप्ति होती है. जगन्नाथ जी को खुश करने के लिए उन्हें समर्पित चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना गया है. यहां पर आप श्री जगन्नाथ चालीसा पढ़ सकते हैं.

Author Written By: Nidhi Jain Updated: Nov 13, 2025 09:17
Shri Jagannath Chalisa Lyrics In Hindi
Credit- Social Media

Shri Jagannath Chalisa Lyrics In Hindi: भगवान विष्णु को जगत का पालनहार माना जाता है, जिन्होंने सृष्टि में प्रेम व शांति बनाए रखने, धर्म की रक्षा और दुनिया को बुराई से बचाने के लिए विभिन्न रूप में अवतार लिए हैं. भगवान कृष्ण भी विष्णु जी के अवतार हैं, जिनका एक रूप जगन्नाथ है. जगन्नाथ जी का स्वरूप भगवान कृष्ण के बालरूप और राधा-कृष्ण के प्रेम की कथा से जुड़ा है. इस स्वरूप में उनकी बड़ी और खुली आंखें हैं, जिन्हें भक्तों को देखने का प्रतीक माना जाता है. जगन्नाथ जी का मुख्य मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है, जिससे भक्तों की खास आस्था जुड़ी है. हालांकि, भगवान जगन्नाथ की पूजा उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ की जाती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिन लोगों के ऊपर जगन्नाथ जी की विशेष कृपा होती है, उनके घर-परिवार में सुख और शांति रहती है. साथ ही तमाम तरह की बीमारियों से मुक्ति मिलती है. यदि आप भी जगन्नाथ जी को खुश करना चाहते हैं तो नियमित रूप से उनकी पूजा करें. साथ ही उन्हें समर्पित चालीसा का पाठ करें. इससे न सिर्फ आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी, बल्कि जीवन भी सुख में व्यतीत होगा. चलिए अब जानते हैं श्री जगन्नाथ चालीसा के सही लिरिक्स के बारे में.

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श्री जगन्नाथ चालीसा (Jagannath Chalisa Lyrics In Hindi)

॥दोहा॥

जय जगन्नाथ स्वामी जय बलभद्र संभाव।
जय सुभद्रा ताई अग्या करैं सब काज॥

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॥चालीसा॥

जय जगन्नाथ दयालु दया निधान।
करुणा रस सिन्धु नयन अन्धकार।।
कटकट धनुस विराजत शंखाधार।
मुख में कमल नैनन में चकार।।
कनकमय शीश नव चारु चंद्र भाला।
नख सिखर छवि गंजित सोहे बाला।।
अरुणांचल मुकुट श्रिया सोहत नूप।
मुख में मुरली बनमाल अजरे।।
शंख बाजे मृदुँग बाजत ताल।
वज्रांकुश गदा शुभ बदन काल।।
रक्त अंग वस्त्र बिभूषण बाजत।
प्रतीत शोभित नील विशाल जाजत।।
आवत धावत तब जू तार गृहवत।
कारज सर्व करैं सुधीर बुधवत।।
शची जब भय भए सागर पार।
रामदास कहैं बेद बिख्यात।।
श्री जगन्नाथ चालीसा जो कोई।
गावैं पाठ करैं कलेश नखटाई।।
जो यह पाठ करे मन लाई।
तेस ही कृपा करहु जगदीश।।

॥दोहा॥

पवन तनय संकट हरण गोसाई।
कृपा द्रिष्टि तुम्हारी करहु विलासा।।

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श्री जगन्नाथ चालीसा क्या है?

भगवान जगन्नाथ को समर्पित जगन्नाथ चालीसा में 40 चौपाईयां और एक दोहा है, जिसमें उनकी दया, करुणा और स्वरूप का विवरण किया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नियमित रूप से श्री जगन्नाथ चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है. साथ ही मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 13, 2025 09:16 AM

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