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Hanuman Ashtak: बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए करें संकट मोचन हनुमान अष्टक का पाठ, दूर होगी हर तकलीफ

Sankat Mochan Hanuman Ashtak With Hindi Lyrics: हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन बहुत ही खास होता है. भक्त इन दिनों पर हनुमान जी की पूजा करते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. आपको हनुमान अष्टक का पाठ भी करना चाहिए. इससे आपके जीवन की सभी तकलीफ दूर होंगी.

Author Written By: Aman Maheshwari Updated: Nov 13, 2025 11:08
Hanuman Ashtak
Photo Credit- News24GFX

Sankat Mochan Hanuman Ashtak: हनुमान अष्टक का पाठ करना बेहद शुभ और लाभदायक माना जाता है. आप हनुमान चालीसे का साथ हनुमान अष्टक का पाठ करते हैं तो इससे आपको मंगल दोष से मुक्ति मिलती है और साथ ही भय दूर होता गहै. आपको हर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा के साथ हनुमान अष्टक का पाठ कर करना चाहिए. यहां पर हनुमान अष्टक के पूरे लिरिक्स दिए गए हैं. आप यहां से देखकर हनुमान अष्टक का पाठ कर सकते हैं.

हनुमान अष्टक लिरिक्स इन हिंदी (Hanuman Ashtak Lyrics In Hindi)

बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ 1 ॥

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बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ 2 ॥

अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ 3 ॥

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रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ 4 ॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ 5 ॥

रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ 6 ॥

बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ 7 ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ॥ 8 ॥

दोहा

लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर॥

ये भी पढ़ें – बजरंग बाण | हनुमान चालीसा

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 11, 2025 08:52 AM

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