WFI Controversy: कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ पहलवानों की बड़ी जीत हुई है। यह पहला मौका है जब सरकार ने पहलवानों की कोई बड़ी मांग स्वीकार की है। बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह अभी कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष बनने के जश्न में डूबे ही थे कि खेल मंत्रालय ने उनके सभी अरमानों पर पानी फेर दिया है। खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष के साथ-साथ संघ के लिए चुने गए पूरी नई बॉडी को ही तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल है कि संजय सिंह को सस्पेंड करना कहीं खेल मंत्रालय के लिए मजबूरी तो नहीं थी। सोशल मीडिया यूजर्स इस सवाल पर तरह-तरह के जवाब दे रहे हैं। लोग संजय सिंह के निलंबन को खेल मंत्रालय की मजबूरी बता रहे हैं।
2024 लोकसभा चुनाव सर पर हैं भाजपा नहीं चाहेगी की उसके किसी भी फ़ैसले से जनता उसके खिलाफ हो इसलिये रंगा बिल्ला कुछ भी करेंगे
---विज्ञापन---— अपर्णा अग्रवाल (@Aparna_oo7) December 24, 2023
ये भी पढ़ें:- WFI Controversy: क्या संजय सिंह के निलंबन से पहलवान संतुष्ट, अब क्या है Wrestlers की मांग?
पहली बार 18 जनवरी को धरने पर बैठे थे पहलवान
देश को मेडल दिलाकर गौरवान्वित करने वाले पहलवान कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहली बार 18 जनवरी 2023 को धरने पर बैठे थे। सभी पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। इस दौरान पहलवान बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे थे। पहलवानों का कहना था कि बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों के साथ यौण शोषण किया है, वह रेपिस्ट हैं इस कारण से उन्हें बर्खास्त किया जाए। इस दौरान सरकार ने आश्वासन दिया था कि मामले की जांच होगी और पहलवानों को न्याय मिलेगा, लेकिन बाद में यह मामला बंद हो गया। इस पहली लड़ाई में पहलवान हार गए थे।
मोदी से सिर्फ़ चुनाव हारने का डर ही सही काम करवा सकता
वरना ये तो दुराचारियों को गौद में बैठा कर लाड़ करे— Anahat🇮🇳 (@AnahatSagar) December 24, 2023
ये भी पढ़ें:- WFI की नई कमेटी हुई सस्पेंड, तो पहलवान हुए खुश, विनेश और बजरंग का बयान आया सामने
दूसरी बार भी नहीं झुकी थी सरकार
दूसरी बार पहलवान फिर से उसी मांग के साथ 23 अप्रैल को धरने पर बैठे थे। इस बार पहलवानों ने ठान लिया था कि जब तब बृजभूषण सिंह को पद से हटाया नहीं जाएगा, तब तक पहलवानों का धरना जारी रहेगा। पहलवान कई दिनों तक धरने पर बैठे रहे, लेकिन सरकार ने एक नहीं सुनी। फिर पहलवान ने कहा कि वह अपने सभी मेडल को गंगा में बहा देंगे, पहलवान अपने-अपने मेडल लेकर गंगा में बहाने भी चले गए थे, लेकिन फिर भी सरकार नहीं झुकी। हालांकि पहलवानों के मेडल बहाने से पहले राकेश टिकैत ने उन्हें आकर रोक लिया था। इस बार भी कई कोशिशों के बाद भी सरकार नहीं झुकी, आखिरकार पहलवानों को ही धरना खत्म करना पड़ा था।
लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव किन राज्य के है कृपा करके उनको भी बता दे क्योंकि जनता इसबार क़ायदे से हिसाब लेकर बैठी है कोरोना से लेकर बेरोज़गारी तक का और ख़ास करके युवा जिनका भविष्य बर्बाद कर दिया भाजपा ने और टोपी पहनाती रही मंदिर मस्जिद का
— Surajkaithwar(shyam) (@surajkaithwar) December 24, 2023
ये भी पढ़ें:- WFI अध्यक्ष पर खेल मंत्रालय का बड़ा एक्शन, संजय सिंह समेत पूरी नई बॉडी को किया सस्पेंड
इस बार कैसे जीत गए पहलवान
अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि जब सरकार अभी तक पहलवानों के सामने नहीं झुकी थी, तो इस बार कैसे झुक गई। इस बार पहलवानों की जीत कैसे हो गई। सोशल मीडिया पर लोग बात कर रहे हैं कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाला है। इससे बीजेपी को लग रहा है कि अगर पहलवान यूं ही विरोध करते रहे, तो इसका असर बीजेपी के वोटर्स पर पड़ेगा। लोग ये भी बोल रहे हैं कि हरियाणा में होने वाला विधानसभा चुनाव भी इसका बड़ा कारण है। अगर संजय सिंह को निलंबित नहीं किया जाता तो, इससे बीजेपी को हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बहुत नुकसान होता, इसी कारण से खेल मंत्रालय ने पहलवानों की मांग पर संजय सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
संजय सिंह समेत निर्वाचित टीम निलंबित
◆ खेल मंत्रालय का WFI पर बड़ा फैसला#WFI | #SanjaySingh | Sanjay Singh | WFI pic.twitter.com/7ZukT9APbj
— News24 (@news24tvchannel) December 24, 2023