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एक आसन, चुटकियों में पीठ दर्द ठीक करेगा; पैरों के दर्द से भी दिलाएगा राहत

Salabhasana Benefits: साइटिका के कारण कमर के साथ साथ आपके अगर पैरों में तेज दर्द और सुन्नपन भी महसूस करते हैं, तो डेली शलभासन योग करना आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। इसके अलावा ये और क्या-क्या फायदा कर सकता है, जानिए। 

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jun 18, 2024 08:47
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Yoga For Back Pain
पीठ दर्द के लिए योग Image Credit: Freepik

Salabhasana Benefits: शरीर को पूरी तरह फिट रखने के लिए सभी अंगों की सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। अगर शरीर में थोड़ी भी समस्या आती है तो हर तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। इसलिए तो हमारे बड़े कहते हैं कि सभी को रेगुलर योग करना चाहिए। योग मेंटल और फिजिकल दोनों तरह की परेशानियों को सही करने के साथ-साथ मसल्स पर होने वाले तनाव को भी कम करने में मदद करते हैं।

अगर आप में से किसी को लगातार पीठ दर्द, थकान और बढ़ते वजन से परेशान रहते हैं तो शलभासन करना आपके लिए बहुत फायदेमंद है। शलभ एक संस्कृत वर्ड है जिसका हिंदी में मतलब है टिड्डा या पतंगा होता है। कई आसनों में शलभासन आसन आपके सायटिका के दर्द और पीठ के निचले हिस्से में हो रहे दर्द में आराम देता है। यह पाचन को भी अच्छा करता है।

शलभासन (Shalabhasana) आसन पीठ दर्द और साइटिका के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे करने से पहले एक योग सिखाने वाले से सलाह जरूर लें। शलभासन में व्यक्ति को पेट के बल लेटकर अपनी पीठ को ऊपर उठाना होता है, जिससे पीठ के मांसपेशियों में संतुलन आता है और पीठ दर्द में राहत मिलती है।

शलभासन आसन कैसे करें 

  • पहले पेट के बल लेट जाएं।
  • अपने शरीर को सीधा रखें।
  • अब अपने हाथों को अपने शरीर के साथ सीधा रखें।
  • सांस धीरे-धीरे लें और अपना ध्यान अपनी सांस पर लगाएं।
  • अपने पेट को फ्लैट बनाए रखें।
  • अब सांस लेते हुए, अपने पेट की मसल्स को उठाएं और अपने पैरों को भी धीरे-धीरे उठाएं।
  • इस बात का ध्यान रखें कि पेट, थाई पर ज्यादा प्रेशर न पड़े।
  • सांस को छोड़ते हुए, धीरे-धीरे अपने पैरों को बीच ऊंचाई पर उठाएं और फिर धीरे-धीरे अपने पैरों को वापस लें आएं।

 

शलभासन करने के फायदे

कमर दर्द में आराम- यह आसान साइटिका और पीठ के निचले हिस्से में हो रहे दर्द से राहत दिलाता है।

मसल्स साइज- यह आसन हिप और उसके आस-पास की मसल्स को साइज में रखती है।

वजन मेंटेन करें- इसे रेगुलर करने से फैट बर्न होता है और  वजन कम होता है।

पाचन में सुधार- यह आसन पेट के लिए फायदेमंद है और पाचन को बेहतर बनाता है।

थकान- ये आसन मेंटल स्ट्रेस के साथ-साथ थकान को भी दूर करने में मदद करता है।

किन बातों का रखें ध्यान 

इस आसान को गर्भवती महिलाएं, पेप्टिक अल्सर, हर्निया, हाई बीपी और दिल के मरीजों को यह आसन नहीं करना चाहिए। अगर कमर के निचले हिस्से में तेज दर्द है तो इस आसन को सावधानी से करें।

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First published on: Jun 17, 2024 03:44 PM

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