Types of bindi in India: बिंदी छोटी हो या बड़ी, लेकिन हर आउटफिट में रौनक डाल देती है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो कि बिंदी लगाना बेहद पसंद करते हैं। इसके साथ ही मार्केट में भी कई रंग की बिंदियां आराम से मिल जाती हैं, जो कि हर फिट
के साथ मैच की जा सकती हैं। लेकिन आपको बता दें, एक्सपर्ट के मुताबिक बिंदी एक जैसी नहीं होती। हर शहर की अपनी अलग बिंदी होती है, जो कि लोग लगाते हैं। अगर आप भी उन्हीं में से हैं जिनको यह नहीं पता कि बिंदी कितनी तरह की होती है और किस शहर से कौन-सी बिंदी लगाई जाती है, तो आइए इस विषय में गहराई से जानते हैं।
पश्चिम बंगाल
बंगाली महिलाओं की पहचान बनी है जो कि बड़ी, लाल, गोल बिंदी पारंपरिक साड़ी और शृंगार के साथ पहनी जाती है। इसके साथ ही माना जाता है कि यह देवी दुर्गा के आशीर्वाद का प्रतीक होता है।
महाराष्ट्र
चंद्रमा के आकार की यह बिंदी पारंपरिक नथ और नौवारी साड़ी के साथ पहनी जाती है। इसके साथ ही इसको चंद्राकार बिंदी भी कहते हैं।
राजस्थान
राजस्थानी महिलाएं कई रंगों, डिजाइनों और चमकीले बिंदी पैटर्न का उपयोग करती हैं। इसके साथ ही ये छोटी बिंदी और काली बिंदी भी लगाती हैं जो कि आंखों के पास बनाती हैं।
उत्तर प्रदेश और बिहार
उत्तर प्रदेश और बिहार की विवाहित महिलाएं छोटी लाल गोल बिंदी लगाती हैं। यह सादगी के साथ-साथ सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।
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असम
असम की महिलाएं पारंपरिक लाल बिंदी लगाती हैं। यह परंपरा को दर्शाता है।
पंजाब
पंजाबी शादियों में माथे के बीचों-बीच लगाई जाने वाली बिंदी को टिक्का कहा जाता है। यह गर्व, सुहाग और सम्मान का चिन्ह होता है।
जम्मू
जम्मू क्षेत्र की महिलाएं भी पारंपरिक लाल बिंदी लगाती हैं, जिसे शादी और त्योहारों में विशेष महत्व दिया जाता है।
दक्षिण भारत
दक्षिण भारत में बिंदी को ‘पोट्टु’ कहा जाता है, और यह हल्दी-कुमकुम से बनाई जाती है। इसके साथ ही यह पूजा, शुद्धता और शक्ति का प्रतीक है। कभी-कभी सफेद चंदन की धार भी माथे पर लगाई जाती है।
मणिपुर
मणिपुरी दुल्हनों के माथे पर चंदन से सुंदर डिजाइन की फोरल बिंदी बनाई जाती है, जो बिंदी का रूप लेती है। यह सुंदरता को दर्शाता है।
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