Radha Ashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार राधा अष्टमी 11 सितंबर के दिन पड़ रही है। अगर आप इस साल राधा अष्टमी के मौके पर राधा रानी के दर्शन करने का प्लान कर रहे हैं तो इन प्रसिद्ध मंदिरों में जाना न भूलें। यहां दर्शन करके आपका मन एकदम प्रसन्न हो जाएगा।
इन 5 मंदिरों में जरूर दर्शन करें
बरसाना का लाडली जी मंदिर
राधा रानी का सबसे मशहूर मंदिर बरसाना में है। राधा रानी के इस मंदिर को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर राधा रानी के महल के नाम से भी प्रचलित है। इसका नाम लाडली जी का मंदिर है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।
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प्रेम मंदिर
वृंदावन की छांव में बना यह मंदिर कलाकृति का अद्भुत नजारा है। यह मंदिर राधा रानी के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह ट्रस्ट द्वारा बनाया गया मंदिर है। इस मंदिर में सतरंगी रोशनी वाला कार्यक्रम लोगों का मन मोह लेती है। यहां मंदिर प्रांगण में देवी-देवताओं की खूबसूरत मूर्तियां लगाई गई हैं।
राधावल्लभ जी मंदिर
श्री राधावल्लभ जी मंदिर वृंदावन के मथुरा में है। इस मंदिर की खासियत काफी अलग है। यहां राधा रानी की कोई मूर्ति मौजूद नहीं है, मगर फिर भी उनकी उपस्थिति की भावना देने के लिए श्रीकृष्ण के बगल में एक मुकुट को रखा गया है। इस मंदिर की सबसे बड़ी मान्यता है कि कहा जाता है, इस मंदिर के दर्शन अपनी मर्जी से नहीं होते हैं। जब तक भगवान वल्लभ जी नहीं चाहेंगे तब तक कोई दर्शन नहीं कर सकता है।
गोविंद देवजी मंदिर
यह मंदिर जयपुर में स्थित है। इसे राजस्थान के प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। राधा अष्टमी के अवसर पर आप यहां भी दर्शन के लिए जा सकते हैं। यहां जन्माष्टमी पर भी भक्तों की भीड़ लगी होती है। गोविंद देवजी के मंदिर की खासियत है कि इसे शिखर वाला मंदिर कहा जाता है, मगर यहां भी शिखर नहीं है।
बांके बिहारी मंदिर
यह मंदिर देश ही नहीं, विदेशों में भी काफी मशहूर मंदिर है। यहां की खासियत है कि इस मंदिर में ईश्वर से नजरे मिल जाए तो किस्मत खुल जाती है। कहा जाता है कि इस प्रसिद्ध मंदिर में राधा-कृष्ण के प्राणों का वास है। इस मंदिर में बार-बार भगवान की मूर्तियों को पर्दा करके रखा जाता है।
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