Engineer’s Day 2025: देश की प्रगति और विकास में इंजीनियर्स का अमूल्य योगदान होता है. चाहे कोई इमारत हो या कोई पुल और सड़क, इंजीनियर्स ही किसी ढांचे को आकार देते हैं, उसे जीवंत बनाते हैं. इन्हीं इंजीनियर्स को समर्पित है इंजीनियर्स डे. हर साल भारत 15 सितंबर के दिन राष्ट्रीय अभियन्ता दिवस (National Engineer’s Day) मनाता है. साल 1861 में इसी दिन भारत रत्न से सम्मानित सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir Mokshagundam Visvesvaraya) का जन्म हुआ था. सर एम विश्वेश्वरैया ना सिर्फ एक विश्वविख्यात इंजीनियर थे बल्कि एक कुशल राष्ट्र निर्माता, अर्थशास्त्री और लेखक भी थे. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सर एम विश्वेश्वरैया (Sir M Visvesvaraya) का योगदान अतुल्य है और पीढ़ी दर पीढ़ी युवाओं को प्रोत्साहित करता रहा है.
कौन थे एम विश्वेश्वरैया
डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1861 में मैसुर के एक छोटे से गांव में हुआ था. मद्रास यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद उन्होंने कॉलेज ऑफ साइंसेस, पुणे से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था. अपनी इंजीनियरिंग की कुशलता के लिए देशभर में सर एम विश्वेश्वरैया को जाना जाने लगा और सम्मानित किया गया. सर एम विश्वेश्वरैया की उपलब्धियों में कृष्णराज सागर बांध का निर्माण शामिल है, जिसने मैसूर क्षेत्र में सिंचाई और पानी की क्रांति ला दी और कृषि के साथ ही अर्थव्यवस्था को बल मिला. 1908 में मुसी नदी में बाढ़ के बाद, सर एम.विश्वेश्वरैया ने उस्मान सागर और हिमायत सागर जैसे जलाशयों को डिजाइन किया और व्यवस्थित बाढ़ नियंत्रण समाधान प्रस्तावित किए. वहीं, सर एम. विश्वेश्वरैया के लेखन का भारत के विकास पर स्थायी प्रभाव पड़ा है.
सर एम विश्वेश्वरैया के उल्लेखनीय योगदानों के चलते ही उनके सम्मान में भारत सरकार ने 1968 में उनके जन्मदिन यानी 15 सिंतबर को नेशनल इंजीनियर्स डे घोषित कर दिया.
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इंजीनियर्स डे का क्या महत्व है
इंजीनियर्स डे डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिन के साथ ही इंजीनियरों को सम्मान और सराहना देने का दिन है. यह दिन युवाओं को इंजीनियरिंग को पेशा बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है और इस क्षेत्र में प्रगति पर जोर देता है. साथ ही, इस दिन को मनाने का मकसद क्रिएटिविटी और कुशलता को बढ़ावा देना है.
नेशनल इंजीनियर्स डे 2025 की थीम क्या है
इस साल नेशनल इंजीनियर्स डे ‘इंजीनियरिंग एक्सलेंस ड्राइविंग इंडिया फॉरवर्ड’ यानी ‘इंजीनियरिंग उत्कृष्टता भारत को आगे बढ़ा रही है’ थीम पर मनाया जा रहा है.
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