International Yoga Day 2025: दुनिया भर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। योग मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूपों से हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। कई बार जब आप लगातार योग करते हैं तो कई गंभीर बीमारियां भी दूर रहती हैं। योग खासकर महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होता है। PCOD यानी कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, जिसे एक लाइफटाइम प्रॉब्लम मानी जाती है। कई बार इस सिंड्रोम को एक तय उम्र के पैमाने पर मापा जाता है, जिसमें 20 से अधिक आयु की महिलाएं शामिल होती हैं। ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए आप अपने रुटीन में कुछ योगासन को शामिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इसे लेकर लखनऊ के योगवशी योगा इंस्टीट्यूट की योगा एक्सपर्ट वैशाली सिंह कौन-कौन से योग करने की सलाह देती हैं?
तितली आसन
एक्सपर्ट बताती हैं कि अगर आप भी PCOD की समस्या से परेशान हैं, तो इसके लिए तितली आसन कर सकते हैं। इससे आपके लविक और थाई एरिया पर प्रेशर बढ़ता है और इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इस कारण पीरियड्स में होने वाली समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही आपका हार्मोनल बैलेंस सही रहता है।
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भुजंगासन
कई बार पीसीओडी में पेट की चर्बी बढ़ जाती है। ऐसे में इसे कम करने के लिए आप भुजंगासन कर सकते हैं। इसे लगातार अपने रुटीन में शामिल करने से स्ट्रेस कम होता है और डाइजेशन सिस्टम हेल्दी बना रहता है। भुजंगासन करने से पेट पर दबाव कम पड़ता है और एसिडिटी और ब्लोटिंग की परेशानी से छुटकारा मिलता है।
धनुरासन
अगर आप हर रोज धनुरासन करते हैं तो इससे पीसीओडी में हार्मोन को बैलेंस करने में मददगार साबित हो सकता है। साथ ही इस आसन को करने से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन मजबूत होते हैं और ये पीरियड्स साइकिल को ठीक करने में मदद करता है। इसके साथ ही ये आपके पूरे शरीर को लंबे समय तक हेल्दी रखता है।
मलासन
मलासन करने से एक नहीं बल्कि कई सारी समस्याएं दूर रहती हैं। खासकर PCOD की समस्या से छुटकारा मिलता है। इस योगासन को हर रोज करने से पेल्विक एरिया पर दबाव पड़ता है और इससे पीरियड्स से जुड़ी परेशानी दूर रहती है। इसके साथ ही डाइजेशन सिस्टम हेल्दी रहता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।
बद्धकोणासन
महिलाएं अगर हर रोज अपने रुटीन में बद्धकोणासन को शामिल करती हैं, तो इससे पेल्विक रीजन खुलता है और मसल्स को रिलैक्स फील होता है। इसके साथ ही पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याएं भी कम होती हैं। इस योगासन को करने से रिप्रोडक्टिव हेल्थ में भी सुधार होता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।