International Yoga Day 2025: योग को एक इलाज के रूप में जाना जाता है। यह आपके शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है और कई बीमारियों से भी आपको दूर रखता है। वहीं, सभी योगासन हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। खासकर जब हेडस्टैंड, डीप बैकबेंड जैसे मुश्किल या उन्नत आसनों की बात आती है, तो शरीर आसानी से खतरे का शिकार हो सकता है। ये केवल स्ट्रेच नहीं हैं, ये रीढ़, हार्ट और यहां तक कि दिमाग के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि इसे लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
क्या कहती हैं न्यूट्रिशनिस्ट?
न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर बताती हैं कि लोग लोग योग की शुरुआत अपनी मजबूत या डॉमिनेंट साइड से करते हैं. इससे कमजोर या कम इस्तेमाल होने वाली साइड को कम समय मिलता है, जिससे शरीर का बैलेंस बिगड़ जता है। योग का काम है बैलेंस बनाना, इसलिए शुरुआत हमेशा कमजोर साइड से करें, ताकि दोनों ओर समान एनर्जी मिल सके। वहीं कुछ लोगों को योग करने से बचना चाहिए।
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ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी
योग हार्ट को शांत करता है और ब्लड प्रेशर को कम करता है। सांस लेने की प्रक्रिया ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं, लेकिन कुछ उन्नत आसन, जैसे कंधे के बल खड़े होना, सिर के बल खड़े होना या पीछे की ओर गहरी झुकना, वास्तव में रक्त प्रवाह के खराब होने और छाती पर दबाव के कारण ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकते हैं।
गठिया बाय के मरीज
वैसे तो योग हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक भी होता है। गठियाबाय के मरीजों को कुछ योगासनों को करने से बचना चाहिए। इसमें चद्मासन, वज्रासन, सुप्त वज्रासन आदि शामिल हैं।
सिजेरियन होने के बाद
प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ औरतें सिजेरियन से परेशान रहती हैं। ऐसे में उन्हें भी योग से कुछ समय के लिए परहेज करना चाहिए। सिजेरियन करा चुकी महिलाओं को 6 महीनों तक योगासन से बचने की सलाह दी जाती है। वहीं, यदि आपका कोई भी अंग ट्रांसप्लांट हुआ हो तो 1 महीने तक योगासन से दूर रहना चाहिए।
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