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Heat Stroke और Heat Exhaustion दोनों में कितना अंतर, कैसे करें बचाव

Heat Stroke And Heat Exhaustion Difference: गर्मियों में अब ज्यादातर बेकार दिन हो रहे हैं। चिलचिलाती तेज धूप ने लोगों का हाल बुरा कर रखा है। ऐसे में बहुत जरूरी है खुद को हेल्दी रखने के साथ-साथ कई जरूरी बातों का ध्यान रखें। आइए जान लेते हैं हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉस्शन में क्या अंतर है।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: May 29, 2024 09:22
Heat Stroke and Heat Exhaustion
Image Credit: Freepik

Heat Stroke And Heat Exhaustion Difference: गर्मी का कहर अपनी चरम सीमा पर है और आने वाले दिनों में ये गर्मी का सितम और भी ज्यादा बढ़ेगा। कुछ दिनों पहले पारा 45 पार जा चुका है, जिसके कारण लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। चिलचिलाती धूप (Heat Wave) ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। प्रचंड गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। ऐसे में जरूरी है कि इस दौरान हेल्थ की केयर करने के साथ-साथ गर्मी से बचाव करना जरूरी है।

गर्मी से जुड़ी हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉस्शन इन्हीं में से एक हैं। यह काफी सीरियस कंडीशन है, जिसके बारे में सही इंफॉर्मेशन न होने से उपचार भी सही समय पर नहीं मिलता है। हालांकि, कई लोगों को हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) और हीट एग्जॉस्शन के बीच का अंतर नहीं पता है, जिसके कारण वह समय से इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं। आइए जान लेते हैं हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉस्शन के बीच का अंतर और दोनों के लक्षण के साथ-साथ बचाव।

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हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉस्शन में अंतर

हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉस्शन ( Heat Stroke vs Heat Exhaustion) दोनों ही गर्मी से जुड़ी बीमारियां हैं, लेकिन लक्षण और उपचार अलग-अलग हैं।

हीट एग्जॉस्शन

हीट एग्जॉस्शन में पसीना, कमजोरी, चक्कर आना और मांसपेशियों में ऐंठन होती है, जो अक्सर लंबे टाइम तक हाई टेंपरेचर के संपर्क में रहने की वजह से होती है। अगर समय पर इलाज नहीं करते हैं, तो ये हीट स्ट्रोक में चेंज हो सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है। इसमें शरीर का तापमान ज्यादा गर्म हो सकता है और ड्राई स्किन, भ्रम, अटैक और बेहोशी हो सकती है।

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हीट एग्जॉस्शन से बचाव 

  • हाइड्रेटेड रहना
  • हल्के और ढीले-ढाले कपड़े पहनना
  • छायादार जगह में आराम करना
  • दिन के समयहैवी एक्टिविटी से बचें
  • गर्मी से जुड़ी बीमारियों के लक्षणों को लेकर अलर्ट रहें

हीट स्ट्रोक

हीट स्ट्रोक में, गंभीर परिणामों से बचाव के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। इसके लिए अक्सर कूलिंग टेक्नीक की हेल्प ली जाती है। हीट एग्जॉस्शन में इलाज के तौर पर ठंडे जगह पर बैठने और खूब सारा पानी पीने की सलाह देते हैं, तो वहीं हीट स्ट्रोक कंडीशन को स्थिर करने के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है।

हीट स्ट्रोक के लक्षण और बचाव

हीट स्ट्रोक के लक्षणों के बारे बात करें तो हीट एग्जॉस्शन ही गंभीर हालातों में हीट स्ट्रोक में चेंज हो सकता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए हीट एग्जॉस्शन के शुरुआती लक्षण जैसे पसीना और कमजोरी के प्रति सावधान रहें और अगर ये लक्षण दिखते हैं, तो हीट स्ट्रोक को बढ़ने से रोकने के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प लें।

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें, हल्के कपड़े पहनें, ज्यादा गर्मी के दौरान तेज एक्टिविटी से बचें, छायादार या ठंडे एरिया में बार-बार ब्रेक लेते रहें और शरीर ठंडा रखने के लिए पंखे या एसी का इस्तेमाल करें।

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First published on: May 28, 2024 10:46 PM

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