Desk Jobs Side Effects: 9 से 5 की डेस्क जॉब में अक्सर कंप्यूटर के सामने घंटों बिताना, ईमेल का जवाब देना, मीटिंग में शामिल होना और कई तरह के काम करना शामिल होते हैं, जिसके लिए फोकस बनाए रखना बहुत जरुरी होता है। ये काम आपको भावनात्मक और शारीरिक रूप से थका देती है। यदि आप अपनी लंबे समय तक एक ही पोजिशन में बैठकर काम करते हैं, तो इसे आपको कई तरह की हेल्थ से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसके कारण पिरिफोर्मिस सिंड्रोम जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनके अलावा लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियों से जुड़ी समस्या हो सकती है।
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
मणिपाल हॉस्पिटल वरथुर रोड, व्हाइटफील्ड के कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजेश श्रीनिवास ने बताया कि लंबे समय तक बैठने के बाद हिप फ्लेक्सर और मांसपेशियां सख्त हो सकती हैं। इसके कारण पिरिफोर्मिस मांसपेशी पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, अगर आप ज्यादा समय तक झुकने या नीचे बैठने से हड्डी की हड्डी में समस्याएं बढ़ सकती हैं। जिससे पिरिफोर्मिस मांसपेशी पर दबाव पड़ता है।
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पिरिफोर्मिस सिंड्रोम के लक्षण
साइटिका जैसा दर्द- यह दर्द नर्व के रास्ते होकर जांघ, पिंडली और पैर तक जाता है, जो तब होता है जब पिरिफोर्मिस मांसपेशी साइटिका नर्व पर दबाव डालती है।
झुनझुनी या सुन्नता- कुछ स्थितियों में आपको पैर में झुनझुनी या सुई चुभने जैसा महसूस हो सकता है। यह साइटिक नर्व की जलन के कारण होता है।
घूमने पर दर्द होना- हिप के घूमने से जुड़ी एक्टिविटी जैसे अपने पैरों को क्रॉस करके बैठना, अपने पैरों को मोड़कर बैठना या हिप के घूमने पर दर्द होना।
कैसे करें बचाव
पिरिफोर्मिस सिंड्रोम की रोकथाम के लिए अच्छी मुद्रा बनाए रखना, नियमित गतिविधि करना और हिप और पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत करना शामिल है। साथ ही इसके लिए आप स्ट्रेचिंग करें और सही पोजीशन में बैठने की कोशिश करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।