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कृष्ण से लेकर द्रौपदी तक…महाभारत के किरदारों से सीखें, कॉर्पोरेट ऑफिस में कैसे करना है बेस्ट काम?

Corporate Office Lessons From Mahabharata: आजकल कॉर्पोरेट ऑफिस में नौकरी करने का चलन काफी ज्यादा चल रहा है। हर कोई अपनी लाइफ में ऑफिस को लेकर परेशान तो रहता ही है और समझ नहीं पाता कि वहां अपना बेस्ट कैसे दें। इन परेशानियों का हल 'महाभारत' में छिपा है। 'महाभारत' के किरदारों से जानिए कॉर्पोरेट ऑफिस में बेस्ट काम कैसे करें।

Edited By : Prerna Joshi | Updated: Feb 27, 2024 17:32
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Office Politics Lessons From Mahabharata
Office Politics Lessons From Mahabharata

Corporate Office Lessons From Mahabharata: भाग-दौड़ भरी लाइफ में लोग ऑफिस और घर के बीच में ही फंसे रह गए हैं। कभी घर की टेंशन तो कभी कॉर्पोरेट ऑफिस पॉलिटिक्स को लेकर डिप्रेस हो जाना। मुश्किल भरे कॉर्पोरेट वर्ल्ड में रहना और तरक्की करना हर किसी के बस की बात नहीं मानी जाती लेकिन कहते हैं कि भगवान के पास हर मुश्किल का हल होता है। इसका हल ‘महाभारत’ में छिपा है। ‘महाभारत’ के किरदारों से जानिए कॉर्पोरेट ऑफिस में बेस्ट काम कैसे करें।

श्री कृष्ण की तरह कूटनीति और साफ बातचीत

‘महाभारत’ में एक भगवान कृष्ण लोगों को आपस में अच्छी बातचीत का महत्व सिखाते हैं। जब कॉर्पोरेट पॉलिटिक्स की बात आती है, तो साफ और कूटनीतिक बातचीत अक्सर मनमुटाव को कम करने में मदद कर सकता है। यह एक दूसरे को लेकर विश्वास और बेहतर टीम वर्क बनाने में भी मदद करता है।

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अर्जुन की तरह हर माहौल में ढलना

युद्ध के मैदान में हालातों के हिसाब से ढलने की अर्जुन की क्षमता लोगों को कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अच्छे से रहना और काम करना सिखाती है। मतलब साफ है कि हालात कैसे भी हो उनमें खुद को ढालना चाहिए और समय रहते सही स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए। मुश्किलें आने पर उनका हल निकालने का प्लान बनाना, अपने अनुभव से सीखना और जरुरत पड़ने पर नई स्ट्रेटेजी अपनाना – ये सभी स्किल कॉर्पोरेट जगत में मुश्किलों से सही ढंग से निपटने में मदद करते हैं।

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युधिष्ठिर की तरह एथिकल लीडरशिप

धर्म को लेकर युधिष्ठिर की प्रतिबद्धता न सिर्फ प्रेरणा देने वाली है बल्कि यह नैतिक नेतृत्व यानी एथिकल लीडरशिप का महत्व भी सिखाती है। कॉर्पोरेट जगत में नैतिक मूल्यों (Moral Values) को बनाए रखने से विश्वास और आगे तक की विश्वसनीयता बनाने में मदद मिलती है।

द्रौपदी की तरह बुरे-से-बुरे हालातों से उबरने की क्षमता

मुश्किल हालातों में द्रौपदी लोगों को विश्वास और इमोशनल इंटेलिजेंस का महत्व सिखाती हैं। कॉर्पोरेट ऑफिस में अपनी भावनाओं को चतुराई से मैनेज करना और खुद पर विश्वास रखने से शांत रहने और अच्छे निर्णय लेने में मदद मिलती है।

भीष्म की तरह रणनीति बनाकर सोचना

भीष्म की तरह रणनीति या स्ट्रेटेजी से सोचने से आपको कॉर्पोरेट पॉलिटिक्स को भी आराम से समझने में मदद मिल सकती है। प्रॉब्लम को ढूंढना और उसके बाद उनके हल निकालने के लिए दिमाग लगाकर स्ट्रेटेजी बनाना, आपके आगे लिए जाने वाले एक्शन और लॉन्ग-टर्म गोल्स में मदद करता है।

यह भी पढ़ें: Success Mantra: हर काम में मिलेगी कामयाबी, 8 आदतों को करें अपने डेली रूटीन में शामिल

कर्ण की तरह कठोर निर्णय लेने वाला

‘महाभारत’ में विशेष रूप से मुश्किल निर्णय लेते समय कर्ण की अपने सिद्धांतों को लेकर अटूट प्रतिबद्धता साहस की जरुरत को दिखाती है। इसका मतलब है कि कॉर्पोरेट वर्ल्ड में भी मुश्किल निर्णय लेना लीडरशिप के लिए एक जरूरी स्किल है।

शकुनि जैसी नेटवर्किंग

हालांकि ‘महाभारत’ में शकुनि के इरादे नेगेटिव थे लेकिन उसकी नेटवर्किंग ने उसे कुछ सबसे शक्तिशाली लोगों का सपोर्ट दिलाया। कॉर्पोरेट लाइफ में भी मजबूत और पॉजिटिव रिलेशन बनाने से ग्रोथ के कई नए रास्ते खुलने में मदद मिल सकती है।

पांडवों की तरह टीम वर्क

चाहे दुख रहा या सुख, पांडव भाई हर समय एकजुट रहे। खासकर जब हालात सही न हों, उनकी यह एकता टीम वर्क के महत्व को दिखाती है। कॉर्पोरेट वर्ल्ड में सही लोगों और टीम वर्क के साथ काम करने से पूरी टीम को सक्सेस मिलता है।

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Written By

Prerna Joshi

First published on: Feb 27, 2024 05:32 PM

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