बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार मंगलवार शाम थम गया है. अब पूरा सियासी फोकस 6 नवंबर पर टिक गया है, जब 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग होगी. इस चरण में मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर जिलों के मतदाता अपने-अपने प्रतिनिधि चुनेंगे. 1314 उम्मीदवारों के मैदान में उतरने के साथ बिहार की राजनीति का सबसे अहम दौर शुरू हो चुका है.
बिहार में कल यानी 6 नवंबर को पहले फेज का मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होगा. कई दिग्गज नेता आमने सामने हैं और कई नेताओं की सीट दांव पर लगी है. बिहार विधानसभा चुनाव में कई चेहरे ऐसे भी हैं जिनके लिए उनकी सीट सिर्फ एक सीट मात्र नहीं रह गई है बल्कि वो सीट उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ गई है.
नीतीश कुमार की कैबिनेट के 16 मंत्री मैदान में
इस चरण की एक खास बात ये भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट के 16 मंत्री अपनी सियासी जमीन बचाने की जद्दोजहद में हैं. बीजेपी कोटे से 11 और जेडीयू कोटे से 5 मंत्री चुनाव मैदान में हैं. भाजपा के मंगल पांडे (सीवान), नितिन नवीन (बांकीपुर), सम्राट चौधरी (तारापुर), विजय कुमार सिन्हा (लखीसराय) जीवेश मिश्रा (जाले), संजय सरावगी (दरभंगा शहरी) और सुनील कुमार (बिहारशरीफ) जैसे नाम सियासी वजन रखते हैं. वहीं जेडीयू के विजय कुमार चौधरी (सराय रंजन), श्रवण कुमार (नालंदा), मदन सहनी (बहादुरपुर) और महेश्वर हजारी (कल्याणपुर) अपनी परंपरागत पकड़ पर भरोसा जता रहे हैं.
तारापुर सीट: दांव पर सम्राट चौधरी की प्रतिष्ठा!
बिहार चुनाव में इस समय सबसे ज्यादा चर्चित और सबसे ज्यादा हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है तारापुर सीट. जिस पर सम्राट चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. तारापुर सीट सम्राट चौधरी की प्रतिष्ठा से जु़ड़ गई है. इस सीट पर आरजेडी के अरुण कुमार साह भी खड़े हुए हैं. वहीं, इनके अलावा जन सुराज के संतोष कुमार भी चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा जनशक्ति जनता दल के सुखदेव यादव मुकाबले को त्रिकोणीय रूप दे रहे हैं.
राघोपुर सीट: तेजस्वी यादव को बचानी होगी परिवार की साख
लालू यादव परिवार को परंपरागत सीट इस बार भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. इस सीट से लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में है और उन्हें टक्कर दे रहे हैं NDA के सतीश यादव. वहीं इनके अलावा जन सुराज के चंचल कुमार भी चुनावी मैदान में है और समीकरणों में हलचलें पैदा कर रहे हैं. इस बार देखना होगा कि राघोपुर सीट पर विजयी कौन होगा.
मोकामा सीट: बाहुबलियों का गढ़
इस साल मोकामा में हुए जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद से ही मोकामा विधानसभा सीट काफी चर्चित है. दुलारचंद यादव की हत्या के बाद अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई. इस सीट पर दो दिग्गज और बाहुबली आमने सामने हैं. एक तरफ अनंत सिंह और दूसरी तरफ आरजेडी के टिकट पर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी चुनावी मैदान में हैं.
अलीनगर सीट: बीजेपी की नई स्टार प्रचारक मैथिली ठाकुर की पहली परीक्षा
इस बार अलीनगर सीट से भाजपा ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है. मैथिली ठाकुर का यह पहला चुनाव है. उनका मुकाबला आरजेडी के विनोद मिश्रा से है. मैथिली इस वक्त अपनी लोकप्रियता को वोट में बदलने की फिराक में हैं.
छपरा सीट: खेसारी लाल यादव की एंट्री
छपरा सीट पर भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव आरजेडी के टिकट पर चुनावी डेब्यू कर रहे हैं. उनके सामने बीजेपी की छोटी कुमारी और निर्दलीय राखी गुप्ता चुनावी मैदान में हैं. खेसारी की स्टार पावर इस सीट को लगातार लोगों के बीच चर्चा का विषय बनाए हुए है.
लखीसराय सीट: दांव पर लगी डिप्टी सीएम विजय सिन्हा की साख
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा 2010 से लगातार लखीसराय से जीत रहे हैं. इस बार उन्हें कांग्रेस के अमरेश कुमार ने चुनौती दी है. ये सीट सत्ता और विपक्ष के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई में बदल चुकी है.
महुआ सीट: तेज प्रताप यादव कर रहे वापसी की कोशिश
लालू परिवार से अलग होकर तेज प्रताप यादव ने महुआ से अपनी राजनीतिक पहचान फिर से बनाने की ठान ली है. इस बार के चुनाव में उनके सामने मौजूदा विधायक मुकेश रोशन और LJP प्रत्याशी संजय कुमार सिंह मैदान में हैं.
बेगूसराय सीट: इस सीट पर बदली जमीनी राजनीति
बेगूसराय सीट पहले वामपंथ का गढ़ रही हैं, यहां पर अब भाजपा का माहौल दिखाई दे रहा है. बीजेपी के कुंदन कुमार और कांग्रेस की अमिता भूषण इस सीट पर एक दूसरे को सीधी टक्कर दे रहे हैं.
बांकीपुर सीट: बांकीपुर सीट पटना की शहरी सीट है, जहां बीजेपी के नितिन नवीन लगातार जीतते आ रहे हैं और इस बार फिर से चौथी बार जीतने की जुगत में हैं. इस सीट पर नितिन नवीन को आरजेडी से रेखा गुप्ता टक्कर दे रही हैं.
दरभंगा शहरी: मिथिलांचल की प्रतिष्ठित सीट पर इस बार है त्रिकोणीय मुकाबला
मिथिलांचल की इस प्रमुख सीट से बीजेपी के राजस्व मंत्री संजय सरावगी मैदान में हैं. उन्हें चुनौती देने के लिए जन सुराज ने पूर्व आईपीएस आरके मिश्रा और मुकेश सहनी की पार्टी ने उमेश सहनी को उम्मीदवार बनाया है.
पहले चरण में किस दल से हैं कितने उम्मीदवार?
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में एनडीए की ओर से जदयू के 57 उम्मीदवार, बीजेपी के 48, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 13 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के 2 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. वहीं, महागठबंधन की ओर से आरजेडी के 71, कांग्रेस के 24 और वाम दलों के 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
इनके अलावा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) छह-छह सीट पर, सीपीएम तीन सीटों पर और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (आईआईपी) दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस चरण में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के 118 उम्मीदवार भी किस्मत आजमा रहे हैं.
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