Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की राजनीति में हलचल है, प्रदेश में 243 विधानसभा सीटों पर इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। अनुमान है कि चुनाव आयोग सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में Bihar Assembly Elections 2025 का पूरा शेड्यूल जारी कर सकता है।
दरअसल, वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। ऐसे में राज्य में इससे पहले चुनाव ही कराए जाने हैं। फिलहाल यहां NDA और इंडिया गठबंधन की सीट बंटवारे को लेकर अंतिम दौर की बैठकें चल रही हैं।
बिहार में विधानसभा के लिए कब होगा प्रत्याशियों का ऐलान, अभी तक ये दल आए एक साथ
जानकारी के अनुसार एनडीए में भाजपा के अलावा जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और अन्य कुछ दल शामिल हैं। जबकि इंडिया गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और वामपंथी दल एक साथ हैं। सूत्रों की मानें तो अगले कुछ हफ्तों में प्रत्याशियों के ऐलान किया जाना शुरू हो जाएगा।
NDA फिर नीतीश कुमार पर खेलेगी दांव, फिलहाल सीटों को लेकर फाइनल मीटिंग बाकी
एनडीए ने बिहार में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर चुनाव मैदान में उतरने की रणनीति बनाई है। हालांकि सीट बंटवारे को लेकर अभी जेडीयू और भाजपा में सहमति नहीं बनी है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 13 सितंबर को पटना में थे लेकिन नीतीश कुमार से बिना मिले की वापस दिल्ली लौट आए। हालांकि इसकी वजह नीतीश कुमार की बिगड़ी सेहत को बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार 2020 विधानसभा चुनाव में जेडीयू 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 7 सीटें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को आवंटित की गईं। वहीं, बीजेपी ने कुल 121 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
इंडिया गठबंधन का तेजस्वी पर भरोसा, लेकिन सामने खड़ी हैं नई चुनौतियां
इंडिया गठबंधन भी प्रदेश में पूरी तरह सक्रिय है। हाल ही में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने अपने-अपने वोट बैंक को लुभाने के लिए यात्राएं निकाली हैं। विपक्षी खेमा इस चुनाव में जहां आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को आगे रखकर चुपके से चुनाव में आगे बढ़ रहा है। हालांकि इंडिया गठबंधन में भी अभी उम्मीदवारों के नामों पर आलाकमान की अंतिम मुहर नहीं लगी है।
तेज प्रताप और प्रशांत किशोर बन सकते हैं ‘गेम चेंजर’
विवादों के बाद लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पांच क्षेत्रीय दलों के साथ नया ‘समाजवादी मोर्चा’ गठित किया है। वहीं, जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर भी पूरे बिहार में दौरा कर तीसरा विकल्प बनने की राह बनाते नजर आ रहे हैं। बहरहाल ये दोनों चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन को कितना नुकसान पहुचाएंगे ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा। लेकिन एक बात तो तय है कि दोनों आगामी चुनाव में ‘गेम चेंजर’ की भूमिका में आ सकते हैं।
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