---विज्ञापन---

Explainer: जातिगत जनगणना बनाम ओबीसी वोट को साधने की राजनीतिक दलों की कोशिश

Caste based census politics : मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में अगले तीन महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावी राज्यों में विपक्षी दल के नेता और मुख्यमंत्री जातिगत जनगणना कराने की बात कर रहे हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 11, 2023 16:52
Share :
caste census, political parties, Caste based census politics
विपक्ष जातिगत जनगणना क्यों कराना चाहता है।

Caste based census politics : मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में अगले तीन महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और अलगे साल लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में चुनावी राज्यों में विपक्षी दल के नेता और मुख्यमंत्री जातिगत जनगणना कराने की बात कर रहे हैं। कल यानी कि शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ के कांकेर में कहा कि दोबारा राज्य में हमारी सरकार बनी तो जातिगत जनगणना कराएंगे। इसके बाद शाम होते- होते राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दोबारा राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रदेश में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। इसके पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटा और जातिगत सर्वेक्षण की मांग कर ओबीसी वोटरों को गोलबंदी की कोशिश कर चुके हैं।

महाराष्ट्र पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, बिहार के CM नीतीश कुमार, झारखंड के CM हेमंत सोरेन और ओडिशा के CM नवीन पटनायक जाति जनगणना के पक्ष में हैं। इसके पक्ष में ये नेता कारण भी गिनवा रहे हैं। वहीं केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना कराने के पक्ष मे नहीं है। लेकिन विपक्ष केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव बना रहा है। आखिर जातिगत जनगणना के पीछे क्या छिपा है जिसे केंद्र सरकार नहीं कराना चाहती। वहीं जातिगत जनगणना में ऐसा क्या जादुई आंकड़ा है, जिसे विपक्ष जानने से चूकना नहीं चाहता है। आपको बता दें कि अभी होने वाली जनगणना में SC और ST की अलग से गिनती होती है। अगर जातिगत जनगणना हुई तो देश में पिछड़ी जातियों की गणना होगी और इनके आंकड़े सार्वजनिक हो जाएंगे। आज देश में ओबीसी जातियां सबसे अधिक हैं और इनका वोट प्रतिशत भी सबसे अधिक है। ऐसे में अगर जातिगत जगणना देश में हुई तो OBC जातियों का आंकड़ा सामने आने के बाद यह चुनावी मुद्दा भी बन सकता है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें : ट्रेन में वैज्ञानिक और उसकी पत्नी के साथ जो हुआ, वह आपके साथ न हो तो जान लें अपने अधिकार

जातिगत जनगणना की मांग क्यों और कौन कर रहा है?

---विज्ञापन---

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे, झारखंड में हेमंत सोरेन और ओडिशा में नवीन पटनायक, राजस्थान में अशोक गहलोत, व प्रियंका गांधी जाति जनगणना कराने के पक्ष में हैं। जातिगत जनगणना सही है या गलत यह अलग बात है, लेकिन यह राजनीतिक मुद्दा है और राजनीतिक दल इसे अपने-अपने लाभ के हिसाब से देखते हैं। फिलहाल वर्तमान में यह राजनीतिक मुद्दा बन गया है। सभी दल ओबीसी के जातिगत वोट के बारे में जानना चाहते हैं इसलिए जाति जनगणना पर बल दे रहे हैं।

राजनीतिक दल क्यों कर रहे हैं जातिगत जनगणना की मांग

राजनीतिक दल देश में जातियों के आंकड़ों को जानना चाहते हैं, जिससे कि अलग-अलग राज्यों में विभिन्न समुदाय के लोगों को रिजर्वेशन देकर कर अपना विस्तार कर सकें और सत्ता पा सकें। अभी राजनीतिक दलों के पास ठोस रूप से जातिगत आंकड़े न होने के कारण उनके कई तरह के प्रयास नाकाम हो रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जातिगत आंकड़ों के सामने आने से क्षेत्रीय दलों को लाभ मिलेगा, क्योंकि ये दल जातिगत आधार पर राजनीति करते हैं। ऐसे दल सभी राज्यों में सक्रिय हैं। इससे राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों को नुकसान होने की आशंका है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऊंची जातियों में जाति-आधारित लाभ नहीं है। छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर जातियों के लोगों को इससे बरगलाना आसान होता है।

जाति को लेकर सभी दलों की है अपनी अलग रणनीति

यूपी, बिहार, हरियाणा, झाखंड, पंजाब जैसे राज्यों में क्षेत्रीय दल काफी मजबूत स्थिति में हैं और उनकी राजनीति ही जाति पर आधारित है। वैसे भी देश की राजनीति में पिछड़े वर्ग का दखल बढ़ा है। ओबीसी में भी दो तरह के वोटर हैं अपर ओबीसी और लोअर ओबीसी वोटर। इनको साधने के लिए जाति के आंकड़े जानना दलों को जरूर हो जाता है।

बीजेपी क्यों नहीं चाहती जातिगत जनगणना

CSDS लोकनीति के आंकड़ों के अनुसार साल 2014 के आम चुनावों में 30 फीसदी अपर ओबीसी ने बीजेपी को और 14 फीसदी कांग्रेस को वोट किया। वहीं 2019 में 41 फीसदी अपर ओबीसी ने बीजेपी और 15 फीसदी ने कांग्रेस को वोट किया। यहीं कारण है कि बीजेपी जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहती और विपक्ष इसलिए जातिगत जनगणना के पीछे पड़ा है कि इनकी संख्या पता चलने पर इस वोटर को अपने पक्ष में कैसे लाया जाए।

यह भी पढ़ें :  Explainer : चुनावी राज्यों में नए जिले बनाने की क्यों मची है होड़? क्या इससे बढ़ जाता है विकास

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 07, 2023 06:17 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें