---विज्ञापन---

रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछाए जाते हैं पत्थर? जानिए इसका रहस्य

आपने कभी गौर किया है कि रेलवे ट्रैक के किनारे छोटे-छोटे पत्थर क्यों बिछे होते हैं? ये पत्थर सिर्फ सजावट के लिए नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे एक खास वजह है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाए जाते हैं...

Edited By : Ashutosh Ojha | Updated: Nov 11, 2024 19:46
Share :
railway track
railway track

भारतीय रेलवे में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं और आपने भी कई बार रेलवे यात्रा का आनंद लिया होगा। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि रेलवे ट्रैक पर बिछी इन गिट्टियों (पत्थरों) का क्या काम होता है? यह साधारण पत्थर नहीं होते, बल्कि इन्हें विशेष उद्देश्य से रखा जाता है। आइए जानते हैं कि रेलवे ट्रैक पर बिछाई गई यह गिट्टी किस तरह ट्रेन की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती है।

railway track

---विज्ञापन---

रेलवे ट्रैक का स्ट्रक्चर

रेल की पटरी के नीचे कंक्रीट से बनी प्लेटें होती हैं, जिन्हें “स्लीपर” कहते हैं। इन स्लीपर्स के नीचे नुकीले पत्थरों की एक परत बिछाई जाती है, जिसे “ट्रैक बैलास्ट” कहा जाता है। ट्रैक बैलास्ट के नीचे मिट्टी की दो परतें होती हैं। इन सभी परतों की वजह से रेलवे ट्रैक सामान्य जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर बने होते हैं।

railway track

---विज्ञापन---

क्यों इस्तेमाल होते हैं नुकीले पत्थर

ट्रैक पर नुकीले पत्थर ही इस कारण बिछाए जाते हैं, ताकि वे एक-दूसरे में अच्छी तरह जकड़ सकें और फिसले नहीं। अगर इनकी जगह गोल पत्थर लगाए जाएं, तो वे अपनी जगह से खिसक सकते हैं, जिससे पटरी अस्थिर हो सकती है। नुकीले पत्थर ट्रेन के भारी वजन को सहने में सक्षम होते हैं और ट्रैक को स्थिर बनाए रखते हैं।

railway track

भारी ट्रेन के वजन को संभालते हैं

ट्रेन का वजन लाखों किलो तक हो सकता है। इस भार को सिर्फ पटरी नहीं संभाल सकती, इसलिए पत्थरों की लेयर, कंक्रीट स्लीपर और ट्रैक का ढांचा मिलकर ट्रेन का वजन सहते हैं। पत्थरों की लेयर से स्लीपर्स अपनी जगह पर मजबूती से टिके रहते हैं और ट्रैक पर भारी ट्रेन का भार संभाल पाते हैं।

railway track

कंपन को कम करने में मददगार

जब ट्रेन तेज रफ्तार से गुजरती है, तो उससे ट्रैक पर कंपन पैदा होता है। इस कंपन से पटरियों के फैलने का खतरा रहता है। पत्थरों की यह परत कंपन को सोखने का काम करती है, जिससे पटरियां स्थिर बनी रहती हैं और फैलने से बचती हैं।

railway track

बरसात में जलभराव से बचाव

बरसात के मौसम में गिट्टियां ट्रैक पर पानी भरने से रोकती हैं। बारिश का पानी पत्थरों के बीच से होकर नीचे जमीन में चला जाता है, जिससे ट्रैक पर जल भराव नहीं होता और पटरियां सूखी रहती हैं।

railway track

पेड़-पौधों के उगने से रोकथाम

अगर ट्रैक पर गिट्टी न हो तो ट्रैक के बीच घास और पेड़-पौधे उग सकते हैं, जिससे ट्रेन के ट्रैक पर चलने में दिक्कतें आ सकती हैं। पत्थर पटरियों को इन पेड़-पौधों से सुरक्षित रखते हैं।

HISTORY

Written By

Ashutosh Ojha

First published on: Nov 11, 2024 07:46 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें