पटना: बिहार की सियासत ने फिर करवट ली और नीतीश कुमार ने एक बार फिर से महागठबंधन का दामन थाम लिया। 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले नीतीश कुमार को अब पीएम फेस की रेस में बताया जा रहा है। देश के पीएम बनने की रेस में होने के सवाल पर उन्होंने शुक्रवार को कहा कि मैं हाथ जोड़कर कहता हूं कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। मेरा काम यह है कि सभी लोगों के लिए काम कर सकूं।
‘PM की उम्मीदवारी को लेकर बहुत सारे लोगों का फोन आ रहा है’
नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर बहुत सारे लोगों का फोन आ रहा है। 2024 को आने दीजिए, तब देख लेंगे…। वहीं भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों से मेरी पार्टी के लोगों का क्या हाल हो रहा था। लोगों को बहुत तकलीफ हो रही थी। सभी ने कहा, पार्टी सुरक्षित रहनी चाहिए। इसलिए हम अलग हो गए।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले हम यहां का काम निपटाएंगे फिर हम कहीं और जाएंगे। ईडी, सीबीआई के दुरुपयोग के बारे में नीतीश ने कहा कि ऐसा करने वालों के जनता देख लेगी। 2024 चुनावों के लिए हम बस विपक्ष को एकजुट करने का काम करेंगे।
10 लाख नौकरी पर क्या बोले नीतीश?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर से 10 लाख लोगों को नौकरी देने के वादे के सवाल पर कहा है कि तेजस्वी यादव ने जो कहा है कि वह सही है। हम प्रयास कर रहे हैं और हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे। नौकरियों के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। बता दें कि तेजस्वी यादव ने बिहार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद बुधवार को बड़ा बयान दिया था।
तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम गरीबों और युवाओं को एक महीने के भीतर बंपर नौकरी देंगे। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर नौकरियां दी जाएंगी, जितनी पहली कभी नहीं दी गई है। डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ रही है। हमारे सीएम ने गरीबों और युवाओं का दर्द महसूस किया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन इतना मजबूत है कि विधानसभा में विपक्ष के लिए बीजेपी सिर्फ अकेली एक पार्टी ही बचेगी।