Who is Zakaria Zubeidi: आईआईटी बॉम्बे में एक लेक्चर पर पिछले कुछ दिनों से बवाल मचा हुआ है। शनिवार को छात्रों ने फिलिस्तीनी आतंकवादी जकारिया जुबैदी के महिमामंडन का आरोप लगाते हुए कैंपस के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि इजराइल के खिलाफ फिलिस्तीनी स्वतंत्रता संग्राम के बारे में बात करते समय कथित तौर पर आतंकवाद का महिमामंडन किया गया।
छात्रों ने मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे पर ये आरोप लगाया। लेक्चर 6 नवंबर को आयोजित किया गया। इसमें फिलिस्तीन के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से तुलना करने का भी आरोप है। छात्रों ने दोनों शिक्षकों की गिरफ्तारी की मांग की है। आइए जानते हैं आखिर कौन है जकारिया जुबैदी, जिस पर एक लेक्चर से आईआईटी में पिछले दिनों से हंगामा मचा हुआ है…
जकारिया जुबैदी तेल अवीव में बमबारी के लिए जिम्मेदार!
आईआईटी बी फॉर भारत के एक्स हैंडल से शेयर किए गए वीडियो में लिखा गया है कि जकारिया जुबैदी तेल अवीव में बमबारी के लिए जिम्मेदार है। वह अभी जेल में है और सुसाइड बॉम्बर्स की भर्ती करता है। वह कथित तौर पर अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड का हिस्सा है। उसे कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन नामित किया गया है। प्रोफेसर ने 2015 में उससे मिलने की बात भी स्वीकार की थी।
अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड का पूर्व जेनिन प्रमुख
जुबैदी का जन्म 1976 में हुआ था। वह अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड का पूर्व जेनिन प्रमुख है। उसे “इंतिफादा का प्रतीक” माना जाता है। फिलिस्तीन के संदर्भ में इंतिफादा को विद्रोह के रूप में लिया जाता है। जुबैदी कई साल से इजराइल की वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। 2005 में एक इंटरव्यू में उसने 2002 के बीट शीआन हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 6 लोग मारे गए थे।
हालांकि उसने 2007 में हथियार छोड़ दिए थे। जुबैदी हिंसा छोड़ने पर भी सहमत हो गया था। तीन महीने के प्रोबेशन पीरियड के बाद उसे इजराइल की वॉन्टेड लिस्ट से हटा दिया गया। बाद में उसने जेनिन शरणार्थी शिविर में फ्रीडम थिएटर के समर्थन के रूप में खुद को ‘सांस्कृतिक प्रतिरोध’ का भागीदार बताया।
28 दिसंबर 2011 को इजराइल ने जुबैदी की क्षमा को रद्द कर दिया। कहा जाता है कि उसे मई 2012 में उसने फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा बिना किसी आरोप के छह महीने के लिए हिरासत में लिया गया।
इसके बाद उसे 27 फरवरी 2019 को उसे इजराइल ने फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर मई में एक इजरायली सैन्य अदालत के बाहर वेस्ट बैंक में नागरिक बसों पर कम से कम दो गोलीबारी हमले करने का आरोप लगाया गया।
The students & alumni of @iitbombay along with volunteers of @VivekVicharMnch strongly protested against the glorification of terrorists in IITB classrooms. While vehemently condemning the abuse of academic freedom to whitewash acts of terror, they demanded the permanent… pic.twitter.com/8WxOhZDo2h
— IIT B for Bharat (@IITBforBharat) November 11, 2023
इजराइल की हाई सिक्योरिटी जेल ब्रेक की
जुबैदी पर इजराइल की चर्चित हाई सिक्योरिटी गिल्बोआ जेल ब्रेक करने का भी आरोप है। 6 सितंबर, 2021 को वह पांच अन्य फिलिस्तीनी कैदियों के साथ इजराइल के उत्तर में जेल से एक सुरंग खोदकर भाग निकला। हालांकि पांच दिन बाद 11 सितंबर, 2021 को जुबैदी को इजरायली गांव कफ़र तावोर के पास पकड़ लिया गया। 46 वर्षीय जकारिया जुबैदी ने वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के ‘फतह आंदोलन’ की सशस्त्र शाखा का नेतृत्व किया था।
जकारिया का जन्म 1976 में मोहम्मद और समीरा ज़ुबैदी के परिवार में हुआ था। वह आठ बच्चों में से एक था। यह परिवार मूल रूप से कैसरिया के पास एक गांव से आया था, जहां से उन्हें 1947-1949 के फिलिस्तीन युद्ध में निष्कासित कर दिया गया था।
Watch Israeli soldiers trying to prevent the Palestinian prisoner, Zakaria Zubeidi, from raising the victory sign. pic.twitter.com/FJKXS8LI82
— Muhammad Smiry 🇵🇸 (@MuhammadSmiry) October 24, 2021
एक ब्रिटिश रिपोर्टर के साथ इंटरव्यू में जकारिया ने याद किया कि उनके पिता अंग्रेजी टीचर को इजरायलियों ने पढ़ाने से रोक दिया था। पिता को 1960 के दशक के अंत में फतह का सदस्य होने के कारण गिरफ्तार किए जाने के बाद ये रोक लगाई गई थी। इसके बजाय उन्होंने एक इजराइली फाउंड्री में एक मजदूर के रूप में काम किया, कुछ निजी शिक्षण भी किया और एक सामाजिक कार्यकर्ता बन गए।
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