Brijbhushan Sharan Singh: दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन का सोमवार को 9वां दिन है। कांग्रेस-आम आदमी पार्टी ने खुलकर पहलवानों के समर्थन में हैं। सात पहलवानों की शिकायत पर भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में केस भी दर्ज हो चुका है। जल्द उन्हें दिल्ली पुलिस जांच के लिए बुला सकती है।
पहलवान बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी, उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। सोमवार को बृजभूषण सिंह ने कहा कि जो ताकतें शाहीन बाग, किसान आंदोलन में सक्रिय थीं वही आज दिखाई दे रही हैं। मैं शुरू से कह रहा था कि मेरा इस्तीफा इनका मकसद नहीं है। इनकी मांग पर FIR दर्ज हो गई उसके बाद भी यह घर नहीं जा रहे हैं, जिस तरह से प्रियंका गांधी, केजरीवाल, रॉबर्ट वाड्रा पहुंचे, जैसे लोग इकट्ठा हो रहे हैं, जिन भाषा का प्रयोग हो रहा है और बाकी की चीजें हो रही हैं इससे प्रतीत हो रहा है कि यह खिलाड़ियों का आंदोलन नहीं है।
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उन्होंने दोहराया कि अगर मेरी पार्टी मुझसे इस्तीफा मांगती है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। इसके लिए प्रियंका गांधी ने उन पर तंज कसा। प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी जी ‘हां’ कह दीजिए।
#WATCH | If my party asks me to resign, I will resign…Forces involved in 'Tukde Tukde gang', Shaheen Bagh seem to be involved in it (Wrestlers's protest), I am not their target, party (BJP ) is their target, these athletes are paid. Protest is expanding like Shaheen Bagh, they… pic.twitter.com/DZQhRGompw
— ANI (@ANI) May 1, 2023
अब जानते हैं कि विवाद क्या है? बृजभूषण सिंह का सियासी रसूख क्या है? उन पर कितने मामले दर्ज हैं? क्या उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है?
क्यों पहलवान धरने पर हैं?
बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर बीते 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं। इन सभी का आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। जनवरी में भी इन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था। हालांकि खेल मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद वापस लौट गए थे। इस बार नई शिकायत को लेकर आए और बृजभूषण सिंह पर केस दर्ज कराया है। शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग भी है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नाबालिग शिकायतकर्ता को सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है।
बृजभूषण सिंह कौन हैं?
बृजभूषण शरण सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले हैं। अवध विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है। युवा अवस्था से ही वे राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1980 के दशक में छात्र राजनीति में शामिल हुए। संघ से उनका खास जुड़ाव था। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय उनकी उग्र ‘हिंदुत्व छवि’ ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। 1991 में उन्होंने अपना पहला चुनाव गोंडा सीट से लड़ा था। छह बार के सांसद बृजभूषण सिंह वर्तमान में गोंडा जिले के पड़ोसी जनपद बहराइच जिले में कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद है। पांच बार भाजपा से और एक बार सपा से सांसद चुने गए।
2008 में बृजभूषण शरण सिंह ने लोकसभा में विश्वास मत के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी, इसलिए पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया था। फिर वे सपा में चले गए। 2009 में कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीता था। हालांकि 2014 में वे दोबारा भाजपा में आ गए। बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। वे 2011 से इस पद पर बने हुए हैं।
बाबरी विध्वंस में आडवाणी के साथ हुए बरी
बृजभूषण शरण सिंह बाबरी विध्वंस मामले के अभियुक्तों में से एक थे जिन्हें बाद में अदालत ने बरी कर दिया था। उनका नाम उन 40 नेताओं की सूची में भी था जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे। इस लिस्ट में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का भी नाम शामिल था, जिन्हें 2020 में बरी कर दिया गया था।
पांच लोकसभा सीटों पर दबदबा
बृजभूषण शरण सिंह खुद सांसद, उनकी पत्नी केतकी सिंह पूर्व सांसद और वर्तमान में गोंडा से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। उनके बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह गोंडा सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं। बृजभूषण सिंह का गृह जनपद गोंडा के अलावा पूरे देवीपाटन मंडल पर खासा प्रभाव है। बहराइच, बलरामपुर में भी उनके इशारे पर टिकट बंटवारा किया जाता है। क्षेत्र की कम से कम पांच लोकसभा सीटों पर उनका खासा दबदबा है।
ठाकुरों के एक बड़े नेता हैं बृजभूषण सिंह
यूपी विधानसभा की कुल 403 सीटों में से 49 ठाकुर विधायक हैं। वहीं, यूपी की 23 करोड़ आबादी में करीब 8 फीसदी ठाकुरों वोटर हैं। बृजभूषण शरण सिंह को ठाकुरों का एक बड़ा नेता माना जाता है। उनके बेटे प्रतीक भूषण भी युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। पूर्वांचल और अवध में बृजभूषण के कई कॉलेज भी चल रहे हैं। जहां लाखों बच्चे पढ़ते हैं। यदि सिर्फ बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती जिले को लिया जाए तो कई इलाकों में ठाकुर वोटरों की संख्या 20 फीसदी हो जाती है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि यदि भाजपा बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई करती है तो पार्टी को अवध क्षेत्र में बड़ा नुकसान हो सकता है।
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राज ठाकरे को सबक सिखाने की भी दी थी धमकी
अपनी अलग शैली और अपनी मुखर बयानबाजी के लिए जाने जाने वाले सिंह ने लगभग एक दशक से महासंघ पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। बता दें कि जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे की भाजपा से नजदीकी बढ़ रही थी तब बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में प्रवेश करने पर राज ठाकरे को सबक सिखाने की धमकी दी थी।