भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन दिलीप कमलकर (DK) पारुलकर का रविवार को निधन हो गया है। इंडियन एयरफोर्स ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ से इसकी जानकारी साझा की है। ग्रुप कैप्टन डीके पारुलकर 1971 युद्ध का नायक बताया जाता है। उनकी बहादुरी के किस्से काफी मशहूर रहे हैं। खुद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने भी पारुलकर की बहादुरी को सराहा था।
कौन थे ग्रुप कैप्टन डीके पारुलकर?
भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन दिलीप पारुलकर एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट थे, जब 10 दिसंबर, 1971 को लाहौर के पूर्व में एक रडार स्टेशन पर बमबारी करने के मिशन पर उनके लड़ाकू विमान को मार गिराया गया था और बाद में उन्हें पकड़ लिया गया था। दरअसल 10 दिसंबर 1971 को जब लेफ्टिनेंट दिलीप पारुलकर का एसयू-7 लड़ाकू विमान मार गिराया गया, तो उन्होंने इस घटना को अपने जीवन के सबसे बड़े मिशन में बदल दिया।
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रावलपिंडी युद्धबंदी शिविर से हुए थे फरार
13 अगस्त 1972 को, पारुलकर, मालविंदर सिंह ग्रेवाल और हरीश सिंह के साथ रावलपिंडी युद्धबंदी शिविर से भाग निकले। इसके बाद पाकिस्तानी सेना कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें दोबार पकड़ लिया। फिर सभी युद्धबंदियों को लायलपुर जेल ले जाया गया, जहां पर पहले भारतीय सेना के कई जवान बंद थे। इस बीच सेना के अन्य जवानों को लेफ्टिनेंट दिलीप पारुलकर की बहादुरी का पता चला ताे उन्होंने उनकी तारीफ की। पारुलकर की बहादूरी के पाकिस्तानी सेना के भी कुछ जवान कायल थे।
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कैप्टन दिलीप कमलकर पर बन चुकी है फिल्म
रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन दिलीप कमलकर (DK) पारुलकर पर “द ग्रेट इंडियन एस्केप” नामक एक फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म में उनके पूरे जीवन को दिखाया गया था। साथ ही पाकिस्तान में पकड़े जाने और रावलपिंडी युद्धबंदी शिविर से फरार होने को काफी अच्छे तरीके से दिखाया गया था।