What Options India Have For Oil Supply: इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका की एंट्री के बाद दुनियाभर के देशों में तेल का संकट गहरा सकता है, क्योंकि ईरान कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है और होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) के रास्ते कच्चे तेल की सप्लाई करता है, लेकिन अमेरिका के हमले के बाद ईरान इस रास्ते को बंद करने पर विचार कर रहा है। संसद में प्रस्ताव पारित हो गया है और अब कभी भी ईरान की नौसेना इस रास्ते को बंद कर सकती है।
ईरान का होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना अमेरिका को ईरान पर हमले का करारा जवाब हो सकता है, लेकिन इससे भारत समेत कई देश प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन अगर ईरान से कच्चा तेल नहीं मिला तो क्या भारत क्या करेगा? क्या भारत के पास कच्चा तेल खरीदने के और विकल्प हैं? इस बारे में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने स्पष्टीकरण दिया है।
We have been closely monitoring the evolving geopolitical situation in the Middle East since the past two weeks. Under the leadership of PM @narendramodi Ji, we have diversified our supplies in the past few years and a large volume of our supplies do not come through the Strait…
---विज्ञापन---— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 22, 2025
कौन निर्यात करता और कौन आयात?
अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (AEIA) के अनुसार, होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते प्रतिदिन 20 मिलियन बैरल तेल का आयात-निर्यात होता है। चीन, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों को इस रास्ते से सऊदी अरब, इराक, यूएई, कतर, ईरान और कुवैत ऑयल सप्लाई करते हैं।
भारत कहां-कहां से मंगवाता तेल?
बता दें कि भारत दुनिया का तीसरे सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है। भारत वर्तमान में 40 देशों से खरीदता है और प्रतिदिन 5.6 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात करता है। प्रतिदिन कुल आयातित तेल का 1.5-2 मिलियन बैरल तेल होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते से आता है। भारत कुल खपत का 38 प्रतिशत तेल रूस से खरीदता है। ऐसे में अगर भारत को ईरान से तेल नहीं मिलता तो भारत रूस, अमेरिका, ब्राजील, कतर, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी अफ्रीका से तेल का आयात बढ़ा सकता है।
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रूस स्वेज नहर, केप ऑफ गुड होप या प्रशांत महासागर के रास्ते तेल की सप्लाई करता है। सूत्रों के अनुसार, भारत के पास करीब 75 दिन का ऑयल स्टॉक है। करीब 42 बिलियन बैरल ऑयल रिजर्व है। ज्यादातर तेल कंपनियों के पास 3 सप्ताह तक का ऑयल स्टॉक है। एक कंपनी के पास 25 दिन का ऑयल स्टॉक है। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं तो भी भारत में पेट्रोल-डीजल महंगा नहीं होगा।
क्या कहते हैं पेट्रोलियम मंत्री?
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी कहते हैं कि पिछले 15 दिन से मध्य पूर्व के हालातों पर नजर रख रहे हैं। वर्तमान में हमारी तेल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर नहीं आता है। भारत की तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह के लिए तेल का पर्याप्त स्टॉक है। होर्मुज जलडमरूमध्य के अलावा कई देशों से कई रास्तों से तेल की आपूर्ति हो रही है। भारत अपने नागरिकों को ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
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हालातों को देखते हुए भारत जून में रूस से 2 से 2.2 मिलियन बैरल तेल प्रतिदिन आयात कर रहा है, जबकि मई में 1.96 मिलियन बैरल तेल प्रतिदिन रूस से मंगवाया था। अमेरिका से जून में 439000 बैरल तेल प्रतिदिन मंगवाया जा रहा है, जबकि मई महीने में प्रतिदिन 280000 बैरल तेल प्रतिदिन मंगवाया जा रहा था। ऐसे में मध्य पूर्व का संकट भारत में ईंधन सप्लाई को बाधित नहीं कर सकता।