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क्या सस्ता और क्या हुआ महंगा, जानिए नए जीएसटी स्लैब में आपके लिए क्या?

भारत सरकार ने 2025 में जीएसटी के नए स्लैब जारी करते हुए मिडिल क्लास से लेकर किसानों तक को राहत दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देशवासियों के लिए दीपावली का तोहफा बताया है। इसके अंतर्गत जीएसटी में 12 और 28 प्रतिशत वाला स्लैब हटाकर सिर्फ 5 और 18 प्रतिशत स्लैब को ही रखा गया। जिसके चलते कई आम जरूरत के सामान भी सस्ते हो जाएंगे। आइए जानते हैं कि कौन सी चीजें सस्ती होंगी और कौन सी महंगी हो जाएंगी?

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Sep 4, 2025 00:18
gst 2025 new slab
credit- pexels

भारत सरकार ने 2025 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में बड़े बदलाव की घोषणा की है, जिसे ‘नेक्स्ट-जेन जीएसटी रिफॉर्म’ के नाम से जाना जा रहा है। 3 सितंबर 2025 को आयोजित 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में इस बदलाव की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देशवासियों के लिए दिवाली का तोहफा बताते हुए कहा है कि यह आम जनता, किसानों और उद्यमियों के लिए राहत लेकर आएगा। नई व्यवस्था में टैक्स स्लैब को 5% और 18% के दो मुख्य स्तरों पर सरल किया गया है, जबकि ‘सिन गुड्स’ जैसे तंबाकू और शराब के लिए 40% का विशेष स्लैब लागू किया गया है।

नए जीएसटी स्लैब के तहत कई रोजमर्रा के सामानों और सेवाओं पर टैक्स में कमी की गई है, जिससे आम लोगों की जिंदगी आसान होगी। इस स्लैब के चलते 22 सितंबर से कुछ चीजें सस्ती और कुछ महंगी हो जाएंगी। आइए जानते हैं कि नए जीएसटी स्लैब में क्या चीजें सस्ती हुईं और क्या महंगी हुई हैं।

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रोजमर्रा की चीजें हुईं सस्ती

नए स्लैब में दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स कम होने से घरेलू बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इसमें साबुन, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप और हेयर ऑयल जैसे सामान पर अभी तक 18% जीएसटी लगता था, जो अब घटाकर 5% कर दिया गया है। इसी तरह, मक्खन, घी, चीज और डेयरी स्प्रेड्स पर 12% की जगह 5% और नमकीन, भुजिया, मिश्रण पर भी 12% के स्थान पर 5% जीएसटी लगेगा। बेबी फीडिंग बोतल, नैपकिन और डायपर्स पहले 12% जीएसटी के दायरे में थे, जो अब 5% जीएसटी वाले हो गए हैं। इसके साथ ही सिलाई मशीन और उसके पार्ट्स भी इसी श्रेणी में शामिल हैं। इससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग को राहत मिलेगी।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलेगी राहत

इस पर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बड़ा जोर दिया गया है, जिससे लोगों का इलाज सस्ता होगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर पहले 18% जीएसटी लगता था, जो अब पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। थर्मामीटर और मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन पर जीएसटी 12% से 5% कर दिया गया है। डायग्नोस्टिक किट, रिएजेंट्स, ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स भी 12% से 5% पर आ गए हैं। आंखों के लेंस वाले चश्मे पर भी जीएसटी 12% से 5% कर दिया गया है। इससे इलाज में राहत मिलने की संभावना है।

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शिक्षण सामग्रियों पर भी कम हुआ जीएसटी

शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक सामग्रियों पर जीएसटी में कटौती की गई है, जो स्टूडेंट्स और अभिभावकों के लिए वरदान साबित होगी। मानचित्र और ग्लोब्स, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन और पेस्टल जैसे सामानों पर पहले 12% जीएसटी लगता था, जो अब 0% हो गया है। व्यायाम पुस्तकें और नोटबुक भी 12% से 0% पर आ गए हैं। इसके साथ ही रबर पर भी जीएटी 5% से 0% कर दिया गया है।

कृषि के क्षेत्र में भी सस्ते हुए सामान

कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भी राहत दी गई है। ट्रैक्टर टायर्स और पार्ट्स पर जीएसटी 18% से 5% और बीज, बायो-पेस्टीसाइड्स, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स पर 12% से 5% कर दिया गया है। ड्रिप सिंचाई सिस्टम और कृषि, बागवानी, वानिकी से जुड़ी मशीनें जैसे बुवाई, कटाई और मड़ाई के उपकरण भी 12% से 5% जीएसटी के दायरे में आ गए हैं। ये बदलाव किसानों की लागत कम करेंगे और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेंगे।

इन वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी कम हुआ जीएसटी

वाहन और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों में भी कमी की गई है। पेट्रोल/पेट्रोल हाइब्रिड, LPG, CNG कारें (1200 cc तक) पर जीएसटी 28% से 18% और डीजल व हाइब्रिड कारें (1500 cc और 4000 cc तक) पर भी जीएसटी में 28% से 18% की कटौती हुई है। मोटरसाइकिल (350 cc तक) और मालवाहक वाहन पर 28% की जगह 18% जीएसटी लगेगा। एयर कंडीशनर, टेलीविजन (32 इंच से ऊपर, LED & LCD), मॉनिटर, प्रोजेक्टर और डिश वाशिंग मशीन पर भी जीएसटी 28% से 18% हो गया है।

महंगे हुए ये सामान

इस स्लैब में कई चीजें सस्ती हुई हैं, वहीं, कुछ ‘सिन गुड्स’ और लक्जरी आइटम्स पर टैक्स बढ़ाया गया है, जो 40% के नए स्लैब में शामिल हैं।

सिन और लक्जरी सामान हुए महंगे

तंबाकू, गुटखा और पान मसाला जैसे उत्पाद पहले 28% जीएसटी के दायरे में थे, अब उनपर 40% टैक्स लगेगा। शराब, जुआ, सॉफ्ट ड्रिंक्स, ड्रग्स, फास्ट फूड, कॉफी और शुगर ड्रिंक्स भी 28% की जगह 40% जीएसटी लगेगा हैं। हाई-एंड कारें (4000 cc से ऊपर) पर भी 28% + सेस से बढ़कर 40% टैक्स लागू हुआ है।

क्या हुआ सस्ता और क्या हुआ महंगा?

श्रेणीआइटमपहले का टैक्स (%)नया टैक्स (%)
दैनिक आवश्यकताएंसाबुन, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल185
मक्खन, घी, चीज125
नमकीन, भुजिया125
बेबी डायपर्स, फीडिंग बोतल125
स्वास्थ्यस्वास्थ्य बीमा180
थर्मामीटर, मेडिकल ऑक्सीजन125
डायग्नोस्टिक किट, चश्मे125
शिक्षामानचित्र, पेंसिल, नोटबुक120
रबर50
कृषिट्रैक्टर पार्ट्स, बीज18/125
वाहनकारें (1200-4000 cc), मोटरसाइकिल2818
इलेक्ट्रॉनिक्सएयर कंडीशनर, टीवी, प्रोजेक्टर2818
सिन/लक्जरीतंबाकू, शराब, हाई-एंड कारें2840

First published on: Sep 04, 2025 12:10 AM

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