संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2024 रैंक होल्डर पूर्वा चौधरी अपने मॉडर्न लुक के लिए काफी चर्चा में आईं। इसी के साथ उनके OBC सर्टिफिकेट को लेकर विवाद छिड़ गया है। कुछ लोगों का कहना है कि उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी है, जिसको लेकर जांच की मांग की गई है। दरअसल, यूजर्स ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पात्र न होते हुए भी OBC एनसीएल कोटा का फायदा उठाया है। आखिर OBC कोटा क्या है? इससे कैसे किसी परीक्षा में सफलता पर असर पड़ता है?
UPSC में OBC कोटा क्या?
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अलग अलग वर्ग के लिए अलग अलग आरक्षण मिलता है। UPSC में ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को 27 फीसदी कोटा मिलता है। वहीं, क्रीमी लेयर (OBC के वो लोग जो संपन्न परिवार से आते हैं) से संबंधित OBC उम्मीदवारों के लिए कोई आरक्षण या छूट नहीं दी जाती है। वहीं, नॉन-क्रीमी लेयर से संबंधित लोग इसका लाभ ले सकते हैं। ओबीसी श्रेणी से संबंधित उम्मीदवारों के मामले में अधिकतम 3 साल तक की छूट दी जा सकती है। इसके अलावा, ऐसे ओबीसी उम्मीदवार, जो PWD या एक्स सर्विसमैन श्रेणियों के तहत भी उम्र में छूट दी जाती है। ओबीसी उम्मीदवारों को 9 अटेम्प्ट दिए जाते हैं।
ये भी पढ़ें: NEET UG 2025: परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीन खराब होने से छात्र परेशान, साल बर्बाद होने का सता रहा डर
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पूर्वा चौधरी को UPSC में 533 रैंक मिली। इसके बाद उनको सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। जहां पर उनके पास होने को लेकर कहा गया कि उन्होंने OBC कोटे का इस्तेमाल किया है, जिसकी वजह से वह सफल हो पाई हैं। इस मामले पर पूर्वा के पिता की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि ’40 साल की उम्र से पहले सीधी आरएएस भर्ती के मामले में OBC एनसीएल लाभ लागू नहीं होता है।’ उन्होंने कहा कि ‘मैं 44 साल की उम्र में आरएएस अधिकारी बन गया। इसलिए, यह दावा कि मेरी बेटी ने प्रमाण पत्र का गलत इस्तेमाल किया है, पूरी तरह से झूठ है।’
ये भी पढ़ें: भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर रात में लाइट बंद रखने का आदेश क्यों? ये है वजह