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Explainer: क्या हैं जेल में पैदा होने वाले बच्चे को लेकर नियम? कैसे बनता है आधार और बर्थ सर्टिफिकेट

Rights of Child Born in Jail Explainer: मुस्कान रस्तोगी ने जेल के अंदर बच्ची को जन्म दिया है. सौरभ के परिवार ने DNA टेस्ट कराने के बाद ही बच्ची को अपनाने या नहीं अपनाने का फैसला लेने की बात कही है. ऐसे में अगर DNA टेस्ट मैच नहीं हुआ तो बच्ची का क्या होगा? जेल में जन्मे बच्चे को क्या भारत में अधिकार मिलते हैं या कोई खास नियम बने हैं, आइए जानते हैं...

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Nov 25, 2025 14:45
muskan rastogi | sahil shukla | saurabh rajput
नॉर्मल डिलीवरी से जेल के अंदर ही बच्ची का जन्म हुआ.

Rights of Child Born in Jail: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले का सौरभ राजपूत हत्याकांड फिर चर्चा में है, क्योंकि प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर पति सौरभ की हत्या करके शव को ‘नीले ड्रम’ में भरने वाली मुस्कान रस्तोगी ने बेटी को जन्म दिया है. बच्ची का जन्म नॉर्मल डिलीवरी से जेल के अंदर ही हुआ है और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. वहीं सौरभ के परिवार ने बच्ची का DNA टेस्ट कराने की बात कही और स्पष्ट किया कि अगर DNA उनके परिवार से मैच हुआ तो वे बच्ची को अपनाएंगे. ऐसे में अगर DNA मैच नहीं हुआ तो बच्ची का क्या होगा?

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जेल में जन्मे बच्चे को लेकर क्या नियम हैं?

अगर कोई गर्भवती महिला जेल में है और वह जेल में ही बच्चे को जन्म देती है, जिसे बाहर कोई अपनाने वाला नहीं है तो बच्चा 6 साल की उम्र तक अपनी मां के साथ रह सकता है. जेल मैनुअल और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह प्रावधान किया गया है. हालांकि बच्चा कैदी नहीं कहलाएगा, लेकिन क्योंकि बच्चा 6 साल तक जेल में रहेगा तो उसके लिए जेल में क्रेच होनी चाहिए. वहीं बच्चे के लिए दूध, खाना, कपड़ा, टीकाकारण समेत बुनियादी सुविधाएं जेल प्रशासन ही उपलब्ध कराता है. जेल में पैदा होने वाले बच्चों को अन्य बच्चों की तरह ही अधिकारी मिलते हैं.

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6 साल की उम्र होने के बाद क्या होता है?

6 साल की उम्र होने के बाद बच्चा जेल में मां के साथ नहीं रहेगा, बल्कि उसके लिए अन्य व्यवस्थाएं होती हैं. जैसे बच्चे को उसका पिता ले जा सकता है. नाना-नानी ले जा सकते हैं. मां के ब्लड रिलेशन वाला कोई भी शख्स उसका गार्जियन बन सकता है. अगर मां के अलावा बच्चे का कोई नहीं है तो कोर्ट बाल कल्याण समिति (CWC) को उसके लिए अभिभावक नियुक्त करने का आदेश दे सकती है. इसके अलावा बच्चे को सरकारी या मान्यता प्राप्त अनाथालय में भी भेजा जा सकता है, लेकिन यहां विशेष उल्लेखनीय है कि बच्चे की देख-रेख पर सरकार की नजर होती है.

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बर्थ सर्टिफिकेट कौन बनाता है?

जेल में पैदा हुए बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र अन्य बच्चों की तरह ही बनता है. जन्म प्रमाण पत्र जेल के अंदर बने अस्पताल या बाहर के अस्पताल से बनवाया जा सकता है, लेकिन स्पष्ट कर दें कि बर्थ सर्टिफिकेट पर कहीं भी जेल मेंशन नहीं किया जाता है.

आधार कार्ड कैसे बनता है?

जेल में पैदा हुए बच्चे का आधार कार्ड भी अन्य बच्चों की तरह बनता है. बर्थ सर्टिफिकेट दिखाकर बच्चे का आधार कार्ड बनवाया जा सकता है. उसे अन्य बच्चों की तरह ही स्कूल में दाखिला मिलता है, कुल मिलाकर बच्चे के कानूनी अधिकारी सुरक्षित रहते हैं.

First published on: Nov 25, 2025 02:28 PM

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