Ajit Kumar Death Case: तमिलनाडु के पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए तमिलनाडु सरकार को मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया है। इस मामले की कार्रवाई और जांच अब CBI को सौंप दी गई है। इस मामले को लेकर बढ़ते जनाक्रोश के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतक अजित के परिवार से पब्लिकली माफी मांगी। चलिए जानते हैं कि आखिर ये मामला क्या है।
आखिर क्या है पूरा मामला?
इस मामले की शुरुआत पिछले महीने शिवगंगा जिले के मदापुरम मंदिर से हुई थी। जानकारी के अनुसार, पिछले महीने मंदिर के सुरक्षा गार्ड अजित कुमार (27) को एक श्रद्धालु ने अपनी कार पार्क करने के लिए कहा था, लेकिन अजित को गाड़ी चलाने नहीं आती थी। इसलिए उसने किसी और से गाड़ी पार्क करवा ली। इसके बाद श्रद्धालु ने आरोप लगाया कि उसकी गाड़ी से कुछ कैश और सोना गायब हो गया है। श्रद्धालु की शिकायत पर पुलिस ने अजित कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
कुछ बाद पुलिस की कस्टडी में ही अजित कुमार की मौत हो गई। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि उसके शरीर पर 40 से ज्यादा गंभीर चोट के निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने हिरासत में अजित कुमार के साथ हुई यातनाओं को साफ कर दिया।
हाई कोर्ट पहुंचा मामला
इस मामले पर सामने आए तथ्यों को मद्रास हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया। हाई हाईकोर्ट ने इस केस में सेशन कोर्ट के एक जज की विस्तृत रिपोर्ट को आधार माना, जिसमें पुष्टि हुई कि अजित कुमार की मौत हिरासत में दी गई यातनाओं की वजह से हुई थी। कोर्ट ने कहा कि एक सभ्य समाज में इस तरह के काम को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसके पहले मदुरै पीठ ने भी इस मामले पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘इतनी क्रूरता तो एक हत्यारा भी नहीं करता।’
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25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा
तमिलनाडु सरकार ने इस मामले के सामने आने पर अजित के परिवार को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था। इसके साथ अजित के भाई को सरकारी नौकरी और परिवार को रेजिडेंशियल प्लॉट देने की बात कही थी। लेकिन हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अजित के परिवार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा दिया जाए।