Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए कल वोट जाएंगे। वोटिंग सुबह 10 से शाम चार बजे तक होगी। जबकि वोटों की गिनती 19 अक्टूबर बुधवार को होगी और उसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के पद के चुनाव में मुख्य मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच है।
इस चुनाव में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हिस्सा लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पार्टी के वो 9 हजार प्रतिनिधि मतदान करेंगे जो प्रदेश कांग्रेस समितियों (PCC) के सदस्य हैं। इन्हें डेलीगेट्स भी कहा जाता है।
राहुल गांधी अपना वोट बेल्लारी के संगनाकुल्लू में डालेंगे। भारत जोड़ो यात्रा वालों के लिए खास तौर पर बनाये गए पोलिंग स्टेशन पर राहुल गांधी अपना वोट डालेंगे। जबकि मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष (अंतरिम) सोनिया गांधी, एआईसीसी महासचिव, राज्य प्रभारी, सचिव और संयुक्त सचिवों के साथ सुबह 24 अकबर रोड यानी कांग्रेस हेडक्वॉर्टर में वोट डालेंगी। कांग्रेस मुख्यालय के साथ-साथ देशभर में मौजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तरों में वोटिंग होगी।
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री का कहना है कि यह चुनाव पूरी तरह से पारदर्शी और गुप्त मतदान होगा। देशभर में 38 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मिस्त्री ने आगे कहा कि इस मतदान में कौन किसे वोट देगा, यह पता नहीं लगाया जा सकेगा। इसके साथ किस राज्य से कितने वोट प्राप्त हुए, ये भी नहीं पता लगाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह तय किया जाएगा कि दोनों उम्मीदवार को सामान मौका मिले।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए किस्मत अजमा रहे शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों ने अपना-अपना मेनिफेस्टो जारी करते हुए कई बड़े ऐलान किए हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे का मेनिफेस्टो
- चुनाव जीते तो पार्टी के 50 फीसदी पदों पर 50 साल से कम उम्र के नेताओं की नियुक्ति होगी।
- उदयपुर डिक्लेरेशन को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
- महिलाओं, एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
- सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी नेता एक पद पर पांच साल से ज्यादा समय तक ना रहें।
- 2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ने के लिए पार्टी को तैयार करेंगे।
शशि थरूर ने किया ये ऐलान
- युवाओं-महिलाओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त किया जाएगा।
- प्रदेश, जिला और ब्लॉक संगठन के फैसले दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के बजाय स्थानीय स्तर पर करने का फॉर्मूला रखेंगे।
- मेहनती कार्यकर्ताओं को ज्यादा दायित्व और सम्मान दिया जाएगा।
- 50 से कम उम्र के लोगों को संगठन में अहम पद, चुनाव में टिकट और एक सीट पर 2 चुनाव हारने वाले को टिकट दोबारा नहीं मिलेगा।
- अध्यक्ष बने तो कार्यकर्ताओं से सीधे रिश्ते बनाए रखने पर जोर होगा।
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आपको बता दें कि 137 साल पुरानी पार्टी के अध्यक्ष पद पर गत दो दशक में यह पहला मौका है जब पार्टी की कमान गैर गांधी के पास होगी। पिछले 50 सालों का इतिहास देखें तो मात्र दो बार ही कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हुआ है। पहले 1997 में और फिर 2000 में। 1997 के चुनाव में तीन उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट थे। सीताराम केसरी 6224 वोट पाकर कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। इसके बाद साल 2000 में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच हुआ था जिसमें सोनिया गांधी को 7,448 और जितेंद्र प्रसाद को 94 वोट मिले थे।
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