Local Circle Survey: (दिव्या अग्रवाल, दिल्ली) आज के समय में हर जगह अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (VIP) की भरमार है। अस्पताल, स्कूल, मंदिर दर्शन, बड़े कलाकारों के इवेंट्स में एंट्री, खेल का मैदान या नेताओं की डिनर पार्टी… हर तरफ वीआईपी मौजूद हैं। आज के समय में वीआईपी होना जरूरी भी है। नहीं तो आपकी कोई सुध लेता भी नहीं। लोकल सर्किल के एक सर्वे ने चौंकाने वाले आंकडे़ जारी किए हैं। लोकल सर्किल के सर्वे के मुताबिक देश में वीआईपी कल्चर में कोई गिरावट नहीं आई है। भारत में आज भी दो-तिहाई लोग यानी हर तीन में 2 भारतीय ये मानते हैं कि VIP कल्चर पहले की तरह सिस्टम के लिए परेशानी बना हुआ है। सिर्फ 35 फीसदी लोग ही मानते हैं कि पिछले तीन साल के दौरान वीआईपी कल्चर में कमी आई है।
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यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में 11 बच्चों की मौत के बाद देश में वीआईपी कल्चर को लेकर आई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। लोकल सर्किल के सर्वेक्षण में बताया गया है कि भारत में वीआईपी कल्चर आज भी टॉप पर है। 362 जिलों के 46000 लोगों की राय पर आधारित इस सर्वे में 65 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष और 35 प्रतिशत महिलाएं थीं। 48 प्रतिशत उत्तरदाता टियर-1, 24 प्रतिशत टियर-2 शहर और 28 प्रतिशत उत्तरदाता टियर-3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे।
सबसे ज्यादा वीआईपी कल्चर यहां
सड़क मार्ग से यात्रा करने वाले 91 फीसदी लोग मानते हैं कि उन्होंने वीआईपी कल्चर के असर को महसूस किया है। हवाई सफर करने वालों में से 70 प्रतिशत और ट्रेन से सफर करने वाले 57 प्रतिशत यात्रियों ने माना है कि वीआईपी कल्चर आज भी मौजूद है। सरकारी दफ्तरों में कामकाज से जाने वाले 83 फीसदी लोगों का मानना था कि वे वीआईपी कल्चर के शिकार हुए। सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों में शामिल होने वाले 79 और धार्मिक स्थानों पर जाने वाले 73 प्रतिशत लोगों ने इसके चलन में होने की बात स्वीकार की। स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में वीआईपी कल्चर के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में 66 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि हमने इसका असर महसूस नहीं किया।
कैसे खत्म होगा VIP कल्चर?
सर्वे के मुताबिक वीआईपी संस्कृति को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए VIP एंट्री शब्द को पब्लिक प्लेस से हटाना होगा। रेलवे, मंदिर, ट्रेन, फ्लाइट, सुरक्षा में VIP कल्चर खत्म हो। इसके लिए वीआईपी लोगों की संख्या घटानी होगी। गाड़ियों पर वीआईपी स्टीकर बैन करने होंगे।
3 साल में बदलाव आया
91 परसेंट लोगों का मानना है कि पिछले 3 साल में सड़क, टोल और बूथ पर वीआईपी कल्चर दिखा है। 70 परसेंट ने एयरपोर्ट और फ्लाइट्स में वीआईपी कल्चर को बढ़ा हुआ माना है। 57 प्रतिशत लोगों ने ट्रेन और स्टेशन पर इस कल्चर के लोगों की संख्या बढ़ी हुई बताई है।
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