Uttarkashi search and rescue ops: धराली आपदा के बाद पहली अच्छी खबर है। अब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पीडब्यूडी के साथ मिलकर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिमच्यागाड गांव में रविवार शाम तक वैली ब्रिज तैयार कर दिया। इससे सोनगाड तक सड़क मार्ग बहाल हो गया है। अभी तक सेना हैलीकाप्टर से रेस्क्यू अभियान चला रही थी। जो मौसम में काफी बाधा बन रहा था। आपदा के बाद से धराली का संपर्क सभी मार्गों से कट गया था। लिमच्यागाड गांव में आपदा के समय पुल बह गया था। इस पुल को सीमांत टकनौर क्षेत्र की लाइफलाइन कहा जाता था। इसके बहने से यातायात पूरी तरफ बंद हो गया था।
अब आगे की सड़क होगी दुरुस्त
आपदा के समय पानी और पत्थरों का तेज बहाव आने से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह सड़क टूटी थी। गंगनानी से आगे लिमच्यागाड गांव में 30 मीटर का पुल बह गया था। इसकी तस्वीरें इंटरनेट पर खूब वायरल हुईं थी। बीआरओ ने दिन-रात मेहनत करके महज 3 दिनों में वैली ब्रिज तैयार कर दिया। इस ब्रिज के बनने से आगे की क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने का रास्ता साफ हो गया है।
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चल रहा राहत-बचाव कार्य
धराली और आसपास प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी राहत और बचाव अभियान चल रहा है। राज्य और केंद्र सरकार के कई विभागों और एजेंसियां मिलकर रेस्क्यू एवं राहत अभियान चला रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में संचार सुविधा, बिजली और पेयजल की आपूर्ति को बहाल किया जा चुका है। सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद अभियान की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
एसडीआरएफ ने अब तक 1615 को कराया भोजन
एसडीआरएफ ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से धराली और हर्षिल क्षेत्र में बनी इन रसोई से 7 अगस्त से अब तक 1615 से अधिक लोगों को ताजा भोजन कराया गया है। प्रतिदिन निर्धारित समय पर प्रभावित परिवारों को नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन वितरित किया जा रहा है।
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