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ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच भारत का बड़ा फैसला, BRICS देशों संग रुपये में लेन-देन के लिए मंजूरी जरूरी नहीं

Trump Tariffs Update: ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिस पर बैंक अमल करेंगे। आदेश का कनेक्शन भारतीय व्यापारियों, भारतीय करेंसी में लेन-देन, ब्रिक्स देशों और आयात-निर्यात से है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 27, 2025 14:16
Trump Tariffs | Reserve Bank | Brics Countries
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को आदेश जारी कर दिया है।

India Decision Against Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद भारत ने एक और बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे BRICS देशों के साथ निर्यात-आयात का लेन-देन पूरी तरह से भारतीय करेंसी रुपये में करने की अनुमति व्यापारियों को दें। इसके लिए Vostro अकाउंट का इस्तेमाल होगा और अब बैंकों को पहले से मंजूरी लेने की जरूरत भी नहीं होगी।

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भारत सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?

बता दें कि भारत सरकार का कदम रुपये की अंतरराष्ट्रीय भूमिका मजबूत करने और डॉलर पर निर्भरता घटाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। खासकर उस समय जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। बता दें कि अभी भारतीय व्यापारी लगभग 85% विदेशी व्यापार अमेरिकी कंरेंसी डॉलर में करते हैं, लेकिन 10 से 15 प्रतिशत लेन-देन रुपये में शिफ्ट होने से डॉलर पर करीब 100 अरब डॉलर वार्षिक की निर्भरता कम हो जाएगी।

क्या है ब्रिक्स और कितने देश हैं सदस्य?

बता दें कि ब्रिक्स एक इंटर-गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन है, जिसके 10 मेंबर भारत, चीन, रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं। पहले ब्रिक्स में सिर्फ 5 देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका थे, लेकिन 1 जनवरी 2024 के बाद 5 और देश इसके मेंबर बन गए। ब्रिक्स का कोई हेड ऑफिस नहीं है, क्योंकि चीन के शंघाई में ब्रिक्स के वित्तीय संस्थान ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) का हेड ऑफिस है। बारी-बारी ब्रिक्स के सदस्य देश हर साल शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं।

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ब्रिक्स देशों के साथ भारत का व्यापार

बता दें कि ब्रिक्स देशों के साथ भारत अभी तक कपड़ों, केमिकल और मेडिसिन का बिजनेस कर रहा है, लेकिन अब बिजनेस कैटेगरी को बढ़ाने पर फोकस है, खासकर ट्रंप टैरिफ के बाद इस दिशा में भारत सरकार कदम बढ़ा सकती है। ब्रिक्स देशों के साथ व्यापारिक समझौते करके द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दिया जा सकता है। साल 2008-09 से 2023-24 तक भारत का ब्रिक्स देशों के साथ व्यापार लगभग दोगुना हो गया है, लेकिन चीन और रूस के साथ व्यापार घाटा चुनौती है।

भारतीय करेंसी में व्यापार पर खास फोकस

व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत ब्रिक्स देशों के साथ अपनी करेंसी में व्यापार और लेन-देन को बढ़ावा दे रहा है, क्योंकि ब्रिक्स देशों के साथ व्यापार करने से इंटरनेशनल मार्केट में अपनी स्थिति को मजबूत करने का, इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने का मौका मिलता है। इसलिए इन देशों के साथ भारतीय करेंसी में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। जैसे रुपये में व्यापार के लिए सरकार ने भारतीय व्यापारियों को विशेष वोस्ट्रो खाते दिए हैं।

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ब्रिक्स देशों के अलावा भारत ने रूस, UAE, मालदीव, मलेशिया, केन्या, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ जो व्यापार समझौते किए हैं, उनका लेन-देन भी भारतीय करेंसी रुपये में ही होगा।

First published on: Aug 27, 2025 01:44 PM

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