Tirupati laddu row: आंध्र प्रदेश के मंदिर तिरुपति बालाजी के प्रसाद वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाने का मामला सामने आया। प्रसाद में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिले के बाद बड़ा हंगामा हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रसादम के लड्डुओं में मिलावट का दावा किया था। इसी के बाद प्रसाद की जांच की गई। अब इस मामले में एक्शन लेते हुए कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने घी की आपूर्ति में इस्तेमाल की जा रही अपनी गाड़ियों पर जीपीएस लगाया है।
GPS से होगा ट्रैक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने अपने वाहनों पर एक जियो-पोजिशनिंग सिस्टम लगाया है। ये तिरुपति मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति करते हैं। केएमएफ के प्रबंध निदेशक एम के जगदीश ने कहा कि टीटीडी द्वारा एक महीने पहले केएमएफ को टेंडर दिए जाने के बाद नंदिनी घी की आपूर्ति बहाल कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि केएमएफ को 350 टन घी की आपूर्ति का ठेका मिला है।
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टीटीडी ने शुक्रवार को एक लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि घी में चर्बी और अन्य अशुद्धियां मिली थीं। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षणों से लिए नमूनों में पशु चर्बी के होने का पता चलने के बाद बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी में है।
नंदिनी ब्रांड का इतिहास
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन यानी केएमएफ एक डेयरी कोऑपरेटिव है। जिसकी स्थापना 1974 में हुई थी। ये नंदिनी ब्रांड नाम के तहत दूध, दही, घी, मक्खन, आइसक्रीम, चॉकलेट और मिठाई जैसे प्रोडक्ट्स बनाकर बेचता है। प्रसाद में मिलावट पर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि उनका इस मिलावटी घी से कोई लेना-देना नहीं है।
आपको बता दें कि ये पूरा मामला 18 सितंबर को शुरू हुआ। इस दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि तिरुपति के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही है।
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