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Beed Mother Temple: ‘बेटे हों तो ऐसे…’, तीन भाइयों ने मिलकर बनवाया मां का मंदिर, खर्च किए 10 लाख रुपए

Beed Mother Temple: माता पिता भगवान का रूप होते हैं। कहा जाता है कि माता पिता की सेवा करना ईश्वर की सेवा करने जैसा है। आज की पीढियां बुढापे में मां बाप की सेवा करने के बजाय उन्हें वृद्धाश्रम में भेजना पसंद करते हैं, इन सब के बीच महाराष्ट्र के बीड जिले में तीन भाइयों […]

Edited By : Rahul Pandey | Updated: May 31, 2023 16:04
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Beed Mother Temple, Beed Temple, Maharashtra
Beed Mother Temple

Beed Mother Temple: माता पिता भगवान का रूप होते हैं। कहा जाता है कि माता पिता की सेवा करना ईश्वर की सेवा करने जैसा है। आज की पीढियां बुढापे में मां बाप की सेवा करने के बजाय उन्हें वृद्धाश्रम में भेजना पसंद करते हैं, इन सब के बीच महाराष्ट्र के बीड जिले में तीन भाइयों ने मिलकर मां की मृत्यु के बाद उनका मंदिर बनवाया है।

बीड के सावरगांव में तीन बेटे राजेंद्र, विष्णु और छगन खाड़े ने अपनी मां का मंदिर बनवाया है। मंदिर के अंदर बेटों ने अपनी मां राधाबाई खाड़े की प्रतिमा भी स्थापित की है। ताकि वे हमेशा उनके साथ रहें और वो उनकी सेवा कर सकें। सावरगांव में रहने वाले तीन खाड़े भाइयों ने 9 से 10 लाख रुपए खर्च कर मंदिर बनवाया। इतना ही नहीं मंदिर में मां की मूर्ति स्थापित करने के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया।

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ताकि पीढ़ियां याद कर सकें

तीनों भाइयों में एक विष्णु खाड़े ने बताया कि 18 मई दो 2022 को खाड़े परिवार के लिए काला दिन था। इस दिन मेरी मां का दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया है। हमे बहुत दुख हुआ जिसने हमे जन्म दिया छोटे से बड़ा किया वो हमें छोड़कर चली गई। आने वाली पीढ़ी को हमारी मां याद रहे, इसके लिए हम तीनों भाइयों ने मिलकर मां का मंदिर बनवाया। जिनके पास मां बाप नहीं हैं, उन्हें उनकी कीमत का पता चलता है। जिनके पास माता पिता होते हैं वो बच्चे उनकी कद्र नहीं करते हैं। हमने मंदिर बना दिया है। रोज अपनी मां का दर्शन करते हैं।

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4 से 5 महीने में बनवाया मंदिर

राधाबाई खाड़े ने बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों का पालन पोषण किया, शिक्षा दी। देहांत के बाद खाड़े परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मृत्यु के बाद तीनों बेटों ने मंदिर बनवाने का निर्णय लिया और इसकी जिम्मेदारी उठाई। 4 से 5 महीने के अंदर मंदिर बनवाया। पुणे के एक मूर्तिकार से मां की मूर्ति तैयार करवाई। इन सबके पीछे खाड़े परिवार ने 9 से 10 लाख रुपए खर्च किए।

दूसरा बेटा राजेन्द्र खाड़े ने बताया हमारा आय का स्रोत मजदूरी है। थोड़ा बहुत खेती भी करते हैं। हमारी मां काफी दयालु और प्रेम करने वाली थी। उसका कभी भी किसी से कोई विवाद झगड़ा नही था। हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी को मां याद रहे, इसलिए हमने मंदिर बनवाया है। हम खेती और मजदूरी कर जब घर लौटते हैं, तब मंदिर में मां की मूर्ति के पास बैठते हैं।

10 बाई 13 की जगह में बनवाया मंदिर

खाड़े भाईयों ने मां का मंदिर अपने घर के पास 10 बाई 13 की जगह में बनवाया है। मां के प्रति बेटों का यह प्यार बीड जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। बेटों द्वारा मंदिर बनाए जाने के बाद पिता शंकर खाड़े ने कहा कि अब जब भी उन्हें उनकी पत्नी की याद आती है वो जानकर मंदिर मूर्ति के पास बैठते हैं।

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Written By

Rahul Pandey

Edited By

Manish Shukla

First published on: May 23, 2023 06:44 PM

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