नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को त्रिपुरा के दौरे पर थे। त्रिपुरा के सबरूम शहर में BJP की जन विश्वास यात्रा को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान एक संबोधन में उन्होंने राम मंदिर के बनने की तारीख बताई। शाह ने कहा कि अगले साल 1 जनवरी तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने त्रिपुरा की सियासत पर भी कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि करीब 3 दशकों तक त्रिपुरा में वामपंथियों का शासन रहा, लेकिन वे राज्य के हालात सुधान नहीं पाए। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा में भाजपा सरकार ने अंधकार की जगह अधिकार, विनाश की जगह विकास, संघर्ष की जगह आस्था, कुशासन की जगह सुशासन देने का काम किया।
राम मंदिर निर्माण की तारीख, शाह ने बताई
अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमसे तारीख पूछा जाता था। कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल भी राम मंदिर निर्माण की तारीख को लेकर सवाल पूछते थे। चुनावी सभाओं में भी यह सवाल उठाया जाता था।
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर के मुद्दे को लंबे समय तक कोर्ट में उलझाए रखा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण का रास्ता साफ हो गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण को आगे बढ़ाया।
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2019 में आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अयोध्या में राम मंदिर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट साल 2019 में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था। लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। साथ ही मस्जिद के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को 5 एकड़ का एक भूखंड आवंटित करने का निर्देश भी दिया था। सुप्रींम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया था।
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